रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश की 90 प्रतिशत जनता कोरोना आपदा के चलते आर्थिक रूप से प्रभावित है मजदूर वर्ग गरीब और किसान छोटे और मध्यम व्यापारी शहरी मध्यमवर्ग और नौकरी पेशा लोग भी अपने आप को असहाय महसूस करने लगे हैं लेकिन मोदी सरकार की प्राथमिकता केवल चंद पूंजीपतियों को वित्तीय सहायता देने की है. छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता भी छत्तीसगढ़ की जनता की मदद करने के बजाय पीएम केयर फंड में पैसा डलवाने का काम कर रहे हैं. सवाल यह है कि कोराना लॉकडाउन और मोदी सरकार के कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप आज संसाधन विहीन हो चुकी जनता को मदद की जरूरत है या प्रधानमंत्री मोदी के चंद चहेते उद्योगपतियों को?

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आपदा काल में वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे प्रदेश के 19 लाख किसानों को 2100 रूपये प्रति क्विंटल और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि 5 हजार 700 करोड़ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से देने का फैसला लिया है. विगत 21 मई को इस योजना की प्रथम किस्त के रूप में 1500 करोड़ प्रदेश के 19 लाख किसानों के खाते में भेजा जा चुका है और बाकी की राशि भी आगामी समय 3 किस्तों में किसानों के खाते में जमा कराई जायेगी. 1500 करोड़ रू. की राशि से छत्तीसगढ़ के व्यापार व्यवसाय में फर्क दिखने लगा है.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के कोरोना पैकेज में से आम आदमी को, गरीब, मध्यम वर्ग, किसान मजदूर, निजी नौकरी करने वालों, ठेलेवालों, खोमचे वालों छोटे दुकानदारों को रोज कमाने खाने वालों कितना मिला भाजपा नेता यह बताएं ? गरीबों मध्यम वर्गो के लिये मोदी सरकार के पास कर्ज की घोषणाओं के अलावा कुछ और नहीं है. 20 लाख करोड़ में लुहार, सोनार, बढ़ई, ठेला रिक्शा चलाने वालों, निजी नौकरी करने वालों को, छोटे दुकानदारों को, सब्जी वालों, फूलवालों, छोटी-छोटी चाय दुकान नाश्ता ठेला-होटल चलाने वालों को अब तक कुछ नहीं मिला है. न इनको कुछ देने की भाजपा सरकार की नीयत है.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की आपदा राहत की पूरी सोच भूख थकान और बदहाली से पीड़ित इंसानों की मदद की नहीं बल्कि मोदी जी चंद पूंजीपति मित्रों को मुनाफा पहुंचाने और सरकारी कपंनियां सौपने की है. छत्तीसगढ़ की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में नौ सांसद चुन कर दिए लेकिन आपदा काल में भारतीय जनता पार्टी के ये नेता छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति अपने दायित्वों से मुंह चुरा रहे है. छत्तीसगढ़ के खदानों और उद्योगों के सीएसआर फंड का पैसा भी पीएम केयर फंड में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा दबाव पूर्वक डलवाया गया है.

मोदी सरकार की विश्वसनीयता संदिग्ध हो चली है और पीएम केयर फंड में अब वित्तीय पारदर्शिता आवश्यक है! छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सीएम रिलीफ फंड के आय-व्यय का हिसाब जनता के सामने रख दिया है अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नेता यह बतायें कि पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को अब तक आपदा राहत के लिए क्या मदद की गयी है? पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ में कितनी मदद की गयी है? पीएम केयर फंउ से छत्तीसगढ़ में किसको मदद मिली है?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों को कुल 24 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि जारी की है. यह राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से संबंधित जिले के खाते में जमा कर दी गई है.

रायपुर, बलौदाबाजार, राजनांदगांव, कबीरधाम और बिलासपुर जिले को 2-2 करोड़ रूपए, मुंगेली जिले को 1.50 करोड़ रूपए, बस्तर, कोरिया, बलरामपुर-रामानुजगंज और सूरजपुर जिले को 1-1 करोड़ रूपए, गरियाबंद, धमतरी, महासमुन्द, दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, कोण्डगांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, जशपुर, सरगुजा और गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले को 50-50 लाख रूपए की राशि आबंटित की गई है.

इसके पहले मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रदेश के 11 जिलों को 20-20 लाख रूपए कुल 2 करोड़ 20 लाख रूपए, सभी 28 जिलों को 25-25 लाख रूपए कुल 7 करोड़ और प्रदेश के सभी 146 विकासखण्डों को 10-10 लाख रूपए कुल 14 करोड़ 60 लाख रूपए की राशि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी की जा चुकी है.