मुजफ्फरनगर. यूपी के मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान कवाल में सचिन और गौरव की हत्या के अगले दिन दो पक्षों के बीच हुए बवाल में नामजद खतौली विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया है. एडीजे कोर्ट ने इन सभी को दो-दो साल कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. जमानत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी को 25-25 हजार रुपए के बंधपत्र पर जमानत दे दी.

साक्ष्य के अभाव में 15 आरोपियों को बरी कर दिया गया है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा ने बताया कि 27 अगस्त 2013 को कवाल कांड के बाद 28 अगस्त की शाम कवाल में तोड़फोड़ एवं मारपीट हुई थी. बाद में 29 अगस्त को दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया था. इस मामले में जानसठ पुलिस ने विधायक विक्रम सैनी समेत 28 लोगों को आरोपी बनाकर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इनमें से एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है.

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मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-4 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई. अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया, जबकि इन सभी को धारा 307 के आरोपों से बरी कर दिया. कोर्ट ने विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दो-दो साल की कारवास एवं 10 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. अस मामले में 15 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया.