पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. भाजपा सांसद चंदूलाल साहू के एक वॉट्सअप मैसेज ने गरियाबंद जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया. मैसेज से एक ओर जहां भाजपा के कुछ लोगों की रातों की नींद उड़ गयी. तो वही दूसरी ओर विपक्षी पार्टी के कुछ लोगों को चुनावी ब्रह्मास्त्र हाथ लग गया.हालांकि जब हमने मैसेज के बारे में सांसद से बात की तो उऩ्होंने इससे किनारा कर लिया और मैसेज में लिखे हालात के विपरीत अपना बयान देकर आल ईज वेल होने का दावा कर दिया.

गरियाबंद जिले की दोनों राजिम और बिन्द्रानवागढ़ विधासनसभा सीट पर आगामी चुनाव में भाजपा के लिए अपना कब्जा बरकरार रखना बहुत मुश्किल होगा. ये हम नहीं कह रहे है, बल्कि खुद भाजपा के नेताओं का भी ऐसा मानना है. भाजपा सासंद चंदूलाल साहू ने खुद वॉट्सअप मैसेज के जरिए ये दावा किया है. उन्होंने 9 मार्च को एक लोकल वॉट्सअप ग्रुप में इसको लेकर एक मैसेज भेजा है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी संगठन ने चिंतन शुरु कर दिया है. उसमे सबसे कमजोर सीट के तौर पर गरियाबंद जिले की राजिम और बिन्द्रानवागढ़ सीट शामिल है. उन्होंने जिले में हुए स्वास्थ्य विभाग के ANM फर्जी भर्ती, सुपेबेड़ा मामला, कलेक्टर जनदर्शन में अधिकारियों का नदारद रहना और जनता की समस्याओं की अनदेखी करने को इसका कारण बताया है. लेकिन जैसे ही हमने इस मैसेज के बारे में सांसद चंदूलाल साहू से जानना चाहा तो उन्होंने तो उन्होंने कहा कि सर्वे होते रहते है और ये बहुत पुराना मैसेज है.

खुद को किस्मत का धनी मानने वाले सांसद चंदूलाल साहू जब इस मामले में घिरते नजर आ रहे है. उन्होंने मुद्दे को दूसरा मोड देते हुए कांग्रेस पर अटैक करना शुरु कर दिया. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए चंदूलाल ने कहा कि कांग्रेस के लोग आपस में लड रहे है. वे जनता का क्या भला कर सकते है. जनता भी इस बात को समझ चुकी है. इसलिए इस बार फिर भाजपा की ही सरकार बनेगी और डॉ रमन सिंह 65 से ज्यादा सीटें जीतकर एक बार फिर सरकार बनायेंगे.

पार्टी के एक वरिष्ठ सासंद द्वारा अपनी ही पार्टी की स्थिति को सोशल मीडिया में मैसेज भेजकर कमजोर बताना कई तरह के सवाल खडे करता है. पार्टी के अंदर टिकट को लेकर अभी से मचा घमासान भी इसका कारण हो सकता है. इस मैसेज से भाजपा को कितना नफा नुकसान होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेग. लेकिन मैसेज से ठण्डी पड़ी गरियाबंद जिले की राजनितिक सियासत में एक बार फिर उबाल आ गया है. भाजपा हो या कांग्रेस तमाम पार्टियों से चुनाव लडने के ईच्छुक उम्मीदवार मैसेज का गंभीरता से मंथन करने में जुट गये है.