रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब शिक्षा विभाग में आरक्षण रोस्टर से पदोन्नति की प्रक्रिया नहीं अपनाकर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के शिक्षकों के साथ छल-कपट करके अन्याय कर रही है.

साय ने इस मांग को लेकर आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आहूत आंदोलन के प्रति भाजपा का पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हुए सवाल किया कि प्रदेश सरकार हर वर्ग को कोरोना संक्रमण के फैलाव के बावज़ूद अपने हक़ और इंसाफ़ के लिए सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए विवश करके आख़िर किस बात की दुश्मनी भंजा रही है? जबकि हाई कोर्ट में मामला लंबित  है उसके बावजूद भी भूपेश बघेल सरकार को इतनी जल्दबाजी क्यों है कि वह फैसला आने के पहले पदोन्नति प्रक्रिया को खत्म करना चाह रही है ऐसी क्या मजबूरी है ?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा विभाग में 40 हज़ार पदों पर पदोन्नति का काम प्रक्रिया में है, लेकिन इस पदोन्नति के लाभ से अजा-जजा वर्ग के कार्यरत लोगों को वंचित करने का काम यह प्रदेश सरकार कर रही है.  इसके चलते सभी शिक्षक संवर्ग कर्मियों के साथ-साथ अधिकारी-कर्मचारी और सामाजिक संगठनों में बेहद आक्रोश है. साय ने कहा कि पदोन्नति की इस प्रक्रिया में सहायक शिक्षकों को शिक्षक व प्रथमिक शाला के प्रधानपाठक, व्याख्याता और मिडिल स्कूल प्रधानपाठक के तौर पर पदोन्नत किया जाना है.

इसमें आरक्षण रोस्टर पद्धति नहीं अपनाए जाने से सामने आए आक्रोश के बाद अजा-जजा वर्ग से जुड़े सभी संगठनों ने इस पदोन्नति पद्धति का मुखर विरोध कर रहा है. इन संगठनों द्वारा प्रदेश सरकार और संबंधित मंत्री को उक्त पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाने के दिए गए आवेदन पर इस नाकारा प्रदेश सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया.

साय ने ये भी कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अजा-जजा वर्ग के हितों की रक्षा की शेखी तो ख़ूब बघारती रहती है, लेकिन ज़मीनी तौर पर वह इन वर्गों के साथ घोर अन्याय करके अपने अजा-जजा विरोधी राजनीतिक चरित्र का निर्लज्ज प्रदर्शन कर रही है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि भाजपा की प्रदेश इकाई अजा-जजा वर्ग की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ी है और इन वर्गों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी तरह के अन्याय का मुखर विरोध करके पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर को लागू कराया जाएगा.  साय ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक तरफ़ तो आरक्षण की वक़ालत करती है और दूसरी तरफ़ अपने दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचय देकर पर्दे के पीछे आरक्षण विरोधी एजेंडा चलाकर ज़रूरतमंदों का हक़ छीनकर संविधान की भावना को लहूलुहान कर रही है. मोर्चा के इस आंदोलन के पहले चरण में मानव श्रृंखला बनाकर प्रदेश सरकार द्वार इन पदोन्नतियों में आरक्षण रोस्टर समाप्त करने का मुखर विरोध किया जा रहा है,

वहीं दूसरे चरण में 26 जनवरी को ज़िला मुख्यालयों में आरक्षित वर्ग के सभी मंत्रियों, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का पुतला दहन किया जाएगा. तीसरे चरण में 29 जनवरी को राजधानी में प्रदेशस्तरीय धरना-प्रदर्शन के साथ ही मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के निवास का घेराव किया जाएगा.