रायपुर- अंतिम वक्त पर यदि कोई बड़ा उलटफेर ना हुआ तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का राज्यसभा जाना तय है. संगठन के विश्वस्त सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि प्रदेश संगठन के शीर्ष नेता धरमलाल कौशिक को राज्यसभा भेजे जाने के पक्ष में हैं. चुनावी साल में केंद्रीय नेतृत्व भी प्रदेश संगठन की अनुशंसा को दरकिनार करने की स्थिति में नहीं है, लिहाजा धरमलाल कौशिक ही अगले राज्यसभा सांसद होंगे !
संगठन के आला नेता बताते हैं कि सात या आठ मार्च को केंद्रीय नेतृत्व राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर धरमलाल कौशिक के नाम का ऐलान कर सकती है. कौशिक प्रदेश के सबसे बड़े वोटबैंक माने जाने वाले ओबीसी वर्ग से आते हैं. हालांकि चर्चा इस बात को लेकर थी कि भूषण जांगड़े का कार्यकाल खत्म होने के बाद अनुसूचित जाति वर्ग से ही किसी चेहरे को राज्यसभा भेजा जाएगा, लेकिन संगठन के सियासी गुणाभाग के बाद तय किया गया है कि राज्यसभा में ओबीसी से प्रतिनिधित्व दिया जाए. यह पहला मौका नहीं है, जब धरमलाल कौशिक का नाम पैनल में शामिल कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया हो. इससे पहले भी दो बार राज्यसभा सांसद के तौर पर कौशिक की मजबूत दावेदारी रही है. पिछली बार जब भूषण जांगड़े को राज्यसभा भेजा गया था, तब भी धरमलाल कौशिक का नाम प्रदेश चुनाव समिति के उस पैनल में शामिल था, जिसे दिल्ली भेजा गया था. अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले रामविचार नेताम को जब राज्यसभा भेजा गया, उस दौरान बने पैनल में भी कौशिक के नाम को प्रमुखता से शामिल किया गया था.
राज्यसभा उम्मीदवारी के लिए यह पहला मौका था, जब दावेदारों की लंबी कतारें लगी हुई थी. प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में भी उन तमाम आवेदनों पर चर्चा की गई, जिन्होंने राज्यसभा के लिए अपनी दावेदारी ठोंकी थी. विस्तार से हुई चर्चा के बाद प्रदेश चुनाव समिति ने सभी 25 नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजने का निर्णय़ लिया. केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया पैनल अब तक का सबसे बड़ा पैनल रहा. हालांकि बीजेपी में ऐसी परंपरा कभी देखने को नहीं मिली थी. इससे पहले तक सिर्फ दो या तीन नामों का पैनल बनाकर ही केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाता रहा है. पैनल में भी प्राथमिकता तय करने का अधिकार प्रदेश चुनाव समिति का ही रहा है. लेकिन वर्ग विशेष की नाराजगी से बचने के लिए प्रदेश चुनाव समिति ने उन सभी नामों को पैनल में शामिल कर दिल्ली भेज दिया, जितने नाम उनके सामने आए थे.

सीएम हाउस में मिली बधाईयां

सीएम हाउस में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह के पारिवारिक कार्यक्रम में कल शरीक हुए धरमलाल कौशिक को संगठन से लेकर आला अधिकारियों से जिस तरह से बधाईयां मिल रही थीं. यह बताने के लिए काफी थे कि राज्यसभा में अब किसी और नाम पर विचार किए जाने की गुंजाइश लगभग ना के बराबर ही है. सांसद, विधायक, मंत्री से लेकर संगठन के तमाम आला पदाधिकारियों ने भी धरमलाल कौशिक को अग्रिम बधाई दे दी है. हालांकि कौशिक यह कहते जरूर सुने गए कि अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व का है. केंद्रीय नेतृत्व उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगा वह सहर्ष उसे स्वीकार कर अपना सौ फीसदी देंगे.

धरमलाला कौशिक को राज्यसभा भेजे जाने के मायने

अगस्त 2014 में बीजेपी ने धरमलाल कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी. कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन ने ओबीसी कार्ड चला था. तब यह माना गया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल भी ओबीसी वर्ग से आते हैं, लिहाजा यह संगठन की रणनीति का हिस्सा है. धरमलाल कौशिक ने अध्यक्ष बनने के बाद से संगठन को प्रदेश भर में मजबूत करने का बड़ा काम किया है. खुद सरगुजा से लेकर बस्तर तक का दौरा कर अनुसूचित जनजाति इलाकों में संगठन की कमजोर पड़ती नब्ज् को दुरूस्त करने की कवायद की. लगभग सभी मंडलों तक उनकी पहुंच रही है. उनके कार्यकाल में ही बीजेपी ने चंपारण और बारनवापारा में चिंतन शिविर किया. केंद्रीय संगठन की तर्ज पर और धरमलाल कौशिक की रणनीति के तहत ही प्रदेश मुख्यालय से बाहर निकलकर अंबिकापुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, रायगढ़ और कोरबा में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की. केंद्रीय संगठन की ओर से मिले दिशा निर्देशों का ग्रास रूट लेवल तक क्रियान्वयन कराने और उसकी सतत मानिटरिंग में धरमलाल कौशिक ने अपनी योग्यता साबित की है.
ऐसे में अब जब पार्टी राज्य की सत्ता में चौथी बार काबिज होने की कवायद में जुटी है, इस बीच धरमलाल कौशिक को राज्यसभा भेजकर संगठन सबसे बड़े वोट बैंक यानी ओबीसी वर्ग को साधने की बांट जोह रहा है. संगठन के सूत्र बताते हैं कि बीते चुनाव में अनुसूचित जनजाति इलाकों में बीजेपी की तमाम रणनीति फेल साबित हुई थी, मैदानी इलाकों के बूते राज्य की सत्ता मिली थी. ये वहीं इलाका हैं, जहां बड़ी तादात में ओबीसी वर्ग से जुड़े लोग काबिज हैं. हालांकि इस दौर में बीजेपी ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग को साधने में अपनी पूरी ताकत जुटा दी है, बावजूद इसके ओबीसी वर्ग से बीजेपी को बड़ी उम्मीद हैं. शायद यही वजह है कि धरमलाल कौशिक राज्यसभा सांसद के तौर पर प्रदेश संगठन की पहली पसंद बनकर उभरे हैं.