रायपुर- छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी की कवायद में जुटी बीजेपी संगठन को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश की खरी-खरी सुनने को मिली. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान शिवप्रकाश ने कहा कि राज्य में तीन दफे बीजेपी ने दूसरों का लाभ लेकर सरकार बनाया, लेकिन ऐसी परिस्थितियां हमेशा नहीं रहती, लिहाजा अपनी ताकत को बढ़ाने की जरूरत है. अपना आधार मजबूत किए जाने की जरूरत है. शिवप्रकाश की इस टिप्पणी के बाद संगठन नेताओं के बीच यह कानाफूसी भी होती रही कि उनका इशारा स्व.अजीत जोगी की ओर था.

कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि बीजेपी पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने-अपने मोर्चे परप डटकर काम करें और राजनीतिक तौर पर संगठन को ताकतवर बनाकर चुनाव अकेले के दम पर ही जीतें. इसके लिए बूथ लेवल तक संगठन को मजबूत करना होगा. जमीन पर जाकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि देशभर में बीजेपी के पास 37 फीसदी वोट हैं, जबकि 62 फीसदी वोट अब भी बीजेपी के खिलाफ है. यह वोट विरोधियों के पास है. 2014 के बाद से विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाने के बजाए षडयंत्रों में लगा है. विपक्षी गठबंधन में कोई वैचारिक साम्य नहीं होने के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम किए जाने का काम किया जा रहा है. शिवप्रकाश ने कहा कि देश के एक बड़े हिस्से में बीजेपी की सरकारें काम कर रही हैं, लेकिन विपक्ष ने बीजेपी को मन से स्वीकार नहीं किया है. भारत में पहली बार ब्रिटिश प्रभाव से मुक्त और भारतीय आकांक्षाओं को साकार करने वाली सरकार सत्ता में आई है. यह केंद्र सरकार सत्ता में आने के बाद से ग़रीबों के कल्याण, देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा के उपायों और विश्व मंच पर भारत की धाक बढ़ाने और भारतीय चिंतन को विश्व में स्थापित करने का कार्य किया है.

हाल ही के एक सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी के 66 प्रतिशत के साथ विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री घोषित किए जाने की चर्चा करते हुए शिवप्रकाश ने कहा कि भारतीय जनमानस ने मोदी में भारत की सर्वतोमुखी उन्नति का विश्वास अनुभव करके बीजेपी को दोबारा पहले की तुलना में ज़्यादा सीटों के साथ सत्ता सौंपी है. राजनीति में पूरी ईमानदारी के साथ काम किया जा सकता है, चुनाव जीतकर सरकार चलाई जा सकती है, बीजेपी ने इसे धरातल पर साकार करके दिखाया है. विकास को मूलमंत्र बनाकर जाति-धर्म का भेद किए बिना भी काम करके बीजेपी ने दिखाया है. विपक्ष में रहकर भी उच्च मानकों के साथ अच्छी व सकारात्मक भूमिका निभाई थी. आर्थिक नीति के मुद्दे पर निर्णय लेते समय तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अटलबिहारी वाजपेयी और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव की चर्चा करके और संयुक्त राष्ट्र सभा में भारत का पक्ष रखकर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए अटलजी को भारतीय दल का नेतृत्व सौंपकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव ने जो आदर्श प्रस्तुत किया था, पं. दीनदयाल उपाध्याय ने विदेश में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू को लेकर किए गए सवालों के ज़वाब में जिस प्रकार भारतीय प्रधानमंत्री की मुख़ालफ़त से इंकार किया था, दुर्भाग्य से सन 2014 के बाद से विपक्ष अपनी ऐसी सकारात्मक भूमिका निभाने के बजाय नाना प्रकार के षड्यंत्रों में लगा है. विपक्षी दलों के गठबंधन में कोई वैचारिक साम्य नहीं होने के बावज़ूद वह देश के भीतर और बाहर भारत सरकार को बदनाम करने में लगा है.

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कोरोना की रोकथाम और वैक्सीनेशन को लेकर जब विश्व भारत और भारत सरकार की सराहना कर रहा है, भारत में विपक्ष प्रधानमंत्री  मोदी को कोरोना सुपर स्प्रेडर बता रहा है. दरअसल विपक्ष की सरपरस्ती में काम करने वाले संगठनों की देशविरोधी गतिविधियाँ ध्वस्त करने का काम केंद्र सरकार ने किया है और इसीलिए वे नित-नए षड्यंत्र रच रहे हैं. वे देश को धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर विभाजित करने के षड्यंत्र कर रहे हैं. सीएए, एनआरसी, तीन तलाक़ क़ानून जैसे मुद्दों पर झूठ व भ्रम फैलाने के इन कृत्यों से जनता को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल देते हुए शिवप्रकाश ने कहा कि विपक्ष तुष्टिकरण के लिए हिन्दुत्व को आततायी और मोदी सरकार को राक्षस बता रहा है. राफेल सौदे व अन्य सुरक्षा उपायों पर झूठ फैलाकर अब विपक्ष श्रीरामजन्मभूमि को लेकर भी भ्रम फैलाने में लगा है. शिवप्रकाश ने कहा कि 1875 से आर्य समाज, 1925 से राष्ट्रीय संवयंसेवक संघ और 1951 से जनसंघ (अब बीजेपी) ने राष्ट्रीयता के साथ भारत को उसकी पहचान, उसकी संस्कृति को स्थापित करने का काम कर रही है.

प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल में ही बुरी तरह निराश और हताश जनता यहां भी भाजपा में अपना भविष्य भी देख रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने के लिए किसी भी हद तक जा रही है. असहमति को कुचलने की लगातार कोशिश जारी है. चाहे बात टूलकिट मामले में षडयंत्रपूर्वक पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह के घर पुलिस भेजकर अपमानित करने की हो या कांग्रेस समर्थित माफियाओं के द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से हिंसा की, भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे अपराधी की प्रताड़ना की हो या फेसबुक पर लिखने की वजह से राजद्रोह का मुकदमा कायम करने की, हर मामले में यह साबित किया गया है कि कांग्रेस जब जहां सत्ता में रहेगी, वहां लोकतंत्र खतरे में रहेगा, वहां संविधान से मिली आजादी संकट में होगी. पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने राजनीतिक प्रस्ताव राज्य सरकार पर ग़रीबों के राशन में घोटाले के आरोप लगाए. प्रदेश सह प्रभारी व बिहार सरकार में लोनिवि मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि पार्टी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता कोरोना काल में दिवंगत अपने कार्यकर्ताओं के परिजनों से सतत संपर्क में रहें और उनकी दिक़्क़तों को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभाएं.केंद्र सरकार की उपलब्धियों और राज्य सरकार की विफलताओं को लेकर सतत जन-संवाद बनाए रखने की ज़रूरत पर भी जोर दिया.

कार्यक्रम भी तय किए

इधर बीजेपी ने आगामी तीन महीनों की रणनीति के साथ-साथ संगठन के कार्यक्रम भी तय किए हैं. संगठन महामंत्री पवन साय ने कहा कि 21 जून को संगठन स्तर पर प्रदेशभर में योग दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. मंडल स्तर तक योग दिवस पर कार्यक्रम होंगे. 23 जून को बीजेपी के संस्थापक डाॅ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर वृक्षारोपण व संगोष्ठी के कार्यक्रम होंगे. प्रदेशभर में बड़े नेता बतौर वक्ता शामिल होंगे. 25 जून को आपातकाल की बरसी पर लोकतंत्र और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा में पार्टी के योगदान पर केंद्रीत कार्यक्रम रखा जाएगा.