रायपुर। राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 133/22 के संबंध में में बड़ा खुलासा हुआ है. प्रार्थी खिलावन निषाद की शिकायत पर इंडियन रायटर्स वेब पोर्टल के संचालक निलेश शर्मा के फोन की तफ्तीश की गई, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ब्लैकमेलिंग, पोर्नोग्राफी, फर्जी खबर समेत कई सबूत मिले हैं. एक पुलिस अधिकारी भी रडार में है.

दरअसल, 2 मार्च 2022 को अपराध क्रमांक 133/22 धारा 504, 505 (1) (बी), 505(2) भादवि. पंजीबद्ध करते हुए आरोपी निलेश शर्मा की गिरफ्तारी की गई थी, जिस पर आरोपी ने न्यायालय में जमानत आवेदन लगाया था.

न्यायालय द्वारा केस डायरी के अवलोकन पर प्रथम दृष्टया आरोपी के विरूद्ध अपराध कारित करना पाये जाने पर जमानत आवेदन को खारिज कर दिया गया. फिर पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी को जेल दाखिल कर दिया.

आरोपी की गिरफ्तारी के समय उसके पास से मोबाइल फोन की भी जब्ती की गई थी, जिसकी जांच से आरोपी के संबंध में कुछ नये तथ्य प्रकाश में आये हैं.

पुलिस के मुताबिक आरोपी से एक पुलिस अधिकारी से अनाधिकृत रूप से काॅल रिकाॅर्ड्स भी प्राप्त किए गए हैं, जो उसके मोबाइल फोन में मिले हैं. काॅल रिकाॅर्ड्स एक बहुत ही संवेदनशील गोपनीय दस्तावेज होता है. सिर्फ पुलिस और अन्वेषण एजेंसियों द्वारा ही इसको पूरे विधिक प्रक्रिया से प्राप्त करके ही प्रयोग किया जा सकता है.

साथ ही उनका विधिवत नष्टीकरण करना पड़ता है. उपरोक्त कॉल रिकॉर्ड किस उदेश्य से प्राप्त किए गए हैं. साथ ही आरोपी को काॅल रिकाॅर्ड्स उपलब्ध करवाने वाले पुलिस अधिकारी को भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है.

पुलिस के मुताबिक आरोपी के मोबाइल फोन पर हुए वाॅट्सएप चैटिंग से यह प्रथम दृष्ट्या प्रतीत हो रहा है कि आरोपी द्वारा कई लोगों से अलग-अलग काम करवाने के लिये पैसे लिए जाते थे, जिसमें से बहुत से लोगों द्वारा काम नहीं होने पर पैसे वापस मांगे जाने के मैसेज प्राप्त हुए हैं. इन सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने बताया कि आरोपी के मोबाइल फोन में बहुत सारे पोर्नाेग्राफिक कंटेंट भी मिले हैं, जिसे इसके द्वारा अपने फोन के माध्यम से प्रसारित किया जाता था, जो आई.टी.एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है. आरोपी द्वारा जिन जिन लोगों को पोर्नोग्राफिक कंटेंट भेजे गए हैं, उन सभी से भी पूछताछ की जा रही है.

आरोपी के चैट्स से यह भी स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है कि आरोपी अनैतिक व्यापार (Prostitution) करने वाली युवतियों के संपर्क में था.आरोपी के उन युवतियों के साथ आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा में चैट भी मिले हैं. इसी प्रकार की चैटिंग कुछ पुरूषों के साथ भी मिली है, जिनका परीक्षण किया जा रहा है.

आरोपी की कुछ लोगों से नियमित चर्चा और सामग्री का आदान प्रदान पाया गया है, जिससे ऐसा संकेत मिल रहा है कि वे लोग आपस में मिलकर फर्जी समाचार प्रसारित करने के किसी एजेंडे के तहत काम कर रहे थे. जांच के क्रम में आगे चलकर उन सभी से पूछताछ की जाएगी.

आरोपी के मोबाइल फोन से कुछ ऐसे भी चैट्स मिले हैं, जो भयादोहन की श्रेणी में आते हैं, आरोपी पत्रकारिता की आड़ लेकर ब्लैकमेलिंग करने या डराने का काम कर रहा था. जांच के क्रम में उन पीड़ित लोगों से भी आगे चलकर पूछताछ की जाएगी.

इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि आरोपी के मोबाइल में कुछ इस प्रकार के शासकीय गोपनीय दस्तावेज भी पाए गए हैं, जो बिना किसी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी की मदद के प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं. वे दस्तावेज आरोपी को कैसे प्राप्त हुए इसके संबंध में भी जांच की जा रही है.

पुलिस ने बताया कि अब तक की विवेचना से स्पष्ट है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में स्थापित पत्रकारिता की शक्ति का प्रयोग आरोपी नीलेश शर्मा ऐसी गतिविधियों के लिये कर रहा था, जिससे पत्रकारिता जैसे शुचिता पूर्ण व्यवसाय की छवि धूमिल हो रही थी. इन सभी तथ्यों की जांच की जा रही है, आगे आने वाले समय में इस संबंध में और नये खुलासे हो सकते हैं.