रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव प्रचार में भाजपा के स्टार प्रचारक केन्द्रीय मंत्री ने रायपुर में प्रेसवार्ता कर जहां रमन सरकार के विकास मॉडल को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए जमकर तारीफ की. वहीं नक्सलवाद के मुद्दे पर माओवादियो और मानवअधिकार कार्यकर्ताओं पर जमकर हमला भी बोला. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि माओवादी देश के विकास में बाधक है. केन्द्र और राज्य सरकार माओवादियों के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ रही है. लेकिन मानव अधिकार कार्यकर्ता माओवादियों के पक्ष में काम करते हैं.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अगुवाई में छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊंचाई पर पहुँचा है. इससे छत्तीसगढ़ देश मे विकास के एक मॉडल के रूप में देखा जाता है. नया रायपुर विकास के एक नए मानक कर रूप में देखा जाता है. सर्वागीण विकास हुआ है छत्तीसगढ़. ग्रामीण विकास के साथ साथ यहां आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थाओ का आना सर्वांगीण विकास का उदाहरण है. 15 साल सीएम रमन के बाद भी सरलता, सहजता, सादगी और विनम्रता के साथ छत्तीसगढ़ की अगुवाई की है. कुशल नेता के रूप में उनकी पहचान है. केंद्र सरकार ने नक्सलवाद को राष्ट्रीय स्तर पर कम करने में सरकार ने बड़ी भूमिका निभाई है. 150 जिले नक्सलवाद से जूझ रहे थे आज यह 75 के आसपास है. माओवादी से मैं सवाल पूछता हूँ – वो कहते है सत्ता बंदूक की नली से आती है. लेकिन इसमें आम आदमी कहा है. दूसरा सवाल पूछना चाहता हूं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से कि जब नक्सली मारे जाते हैं तो मानवाधिकार की बात करते हैं लेकिन जब जवान शहीद होता है तब ये कहा जाते हैं. ये लोग माओवादियों को छत्र छाया देते हैं. ये कभी इलेक्शन लड़ नहीं सकते इनकी जमानत जप्त हो जाएगी. देश तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह का नारा देकर देश तोड़ने का अधिकार नहीं है इन्हें. हमारा आरोप है कि मनमोहन सिंह की दस साल की सरकार में कभी माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि माओवादियों के अभिभावक सरकार में बैठे रहे.