रायपुर। छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है. सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान चलेगा. 7 लोकसभा क्षेत्रों के कुल एक करोड़ 27 लाख 13 हजार 816 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें रायपुर लोकसभा के 21 लाख 11 हजार 104, बिलासपुर के 18 लाख 75 हजार 904, रायगढ़ के 17 लाख 31 हजार 655, कोरबा के 15 लाख सात हजार 779, जांजगीर-चांपा के 18 लाख 95 हजार 232, दुर्ग के 19 लाख 38 हजार 319 एवं सरगुजा लोकसभा के 16 लाख 53 हजार 283 मतदाता शामिल हैं.

पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद अब बारी कर तीसरे चरण के मतदान की है. भाजपा और कांग्रेस के बीच 7 में 6 सीटों मे सीधा मुकाबला है. लेकिन एक मात्र एससी आरक्षित सीट में बसपा ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है. जिन 7 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं उन सभी सीटों पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सभी सीटों पर बेहद मजबूत स्थिति में है. कांग्रेस इस चुनाव में छत्तीसगढ़ के भीतर एक बड़े उलटफेर की स्थिति में दिख रही है. क्योंकि कांग्रेस ने जिन 7 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं उसमें कुछ सीटों पर मजबूत चेहरों को प्रत्याशी बनाया है. वहीं आदिवासी क्षेत्रों में मिली बढ़त और पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री होने का सीधा फायदा कांग्रेस को हो सकता है. लेकिन मोदी लहर का असर अब भी छत्तीसगढ़ में बरकरार है इससे इंकार नहीं किया जा सकता. खास-तौर पर शहरी मतदाताओं पर मोदी इफेक्ट दिखाई देता है. ऐसे में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटें की है.

एक नजर सीटों पर-

सरगुजा( अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट)
खेलसाय सिंह कांग्रेस प्रत्याशी-  खेल साय सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश में सांसद, मंत्री रह चुके हैं. उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है. आदिवासी समाज के बीच सबसे मजबूत और सौम्य चेहरा है. सरगुजा पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के प्रभाव वाला इलाका है. सरगुजा लोकसभा के सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
रेणुका सिंह भाजपा प्रत्याशी-  रेणुका सिंह बीजेपी की तेज-तर्रार महिला नेत्री हैं. रमन सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. सरगुजा अंचल में एक जाना-पहचाना और माना हुआ चेहरा है. लेकिन आसरा सिर्फ मोदी फैक्टर.

रायगढ़( अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट)
लालजीत सिंह राठिया कांग्रेस प्रत्याशी-  लालजीत सिंह वर्तमान में धर्मजयगढ़ से विधायक हैं. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन सत्ता परिवर्तन का लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. रायगढ़ लोकसभा के सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
गोमती साय भाजपा प्रत्याशी- गोमती साय जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय का टिकट काट यहां नया चेहरा उतारा है. भाजपा के लिए यहां महिला उम्मीदवार और मोदी फैक्टर ही एक सहारा है.
जांजगीर( अनुसूचित जाति आरक्षित सीट)
रवि भारद्वाज कांग्रेस प्रत्याशी-  रवि भारद्वाज कांग्रेस के दिग्गज नेता 6 बार के सांसद रहे परसराम भारद्वाज के बेटे हैं. पिता के नाम का आसरा. कांग्रेस के सत्ता परिवर्तन से उम्मीद. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत के प्रभाव वाला इलाका. लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में 4 में कांग्रेस का कब्जा. सत्ता परिवर्तन का लाभ.
गुहाराम अजगले भाजपा प्रत्याशी-  गुहाराम अजगले पूर्व में सांसद रह चुके हैं. क्षेत्र में मजबूत चेहरा है. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद सिर्फ मोदी फैक्टर ही सहारा. बसपा के चुनावी गणित से फायदे की उम्मीद.
दाऊराम रत्नाकर बसपा प्रत्याशी-  दाऊराम रत्ताकर सतनामी सामाज बाहुल्य इलाके वाले इस सीट के बड़े नेता. समाज के भीतर मजबूत पकड़. तीन बार के विधायक. बसपा के लिए सबसे प्रवाशाली इलाके में से एक है जांजगीर. जातीय समीकरण में भाजपा-कांग्रेस के चुनावी गणित को बिगाड़ने में माहिर. उलट-फेर भी कर सकते हैं.

कोरबा
ज्योत्सना महंत कांग्रेस प्रत्याशी-  विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत. पति का ही सहारा. सत्ता परिवर्तन का मिल सकता है. जोगी कांग्रेस से मिल सकता है समर्थन. अजीत जोगी के प्रभाव वाले मरवाही विधानसभा सीट इसी लोकसभा में. आदिवासी बाहुल्य कुछ सीटे सर्वाधिक प्रभावकारी.
ज्योतिनंद दुबे भाजपा प्रत्याशी-  भाजपा ने मौजूदा सांसद को बदलकर नया चेहरा ज्योतिनंद दुबे को मैदान में उतारा है. ज्योतिनंद दुबे क्षेत्र में जाना-पहचाना चेहरा. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मुश्किल में भाजपा. मोदी लहर से ही जीत की उम्मीद. अजीत जोगी की भूमिका पर निगाहें.

बिलासपुर
अटल श्रीवास्तव कांग्रेस प्रत्याशी-  अटल श्रीवास्तव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. लाठीचार्ज की घटना के बाद कांग्रेस में हीरो बने लोगों के बीच चर्चा में आए. विधानसभा चुनाव में भी दावेदार थे लेकिन लोकसभा की टिकट पाने में सफल रहे. सत्ता परिवर्तन का आसरा. जनता कांग्रेस से समर्थन की उम्मीद. अजीत जोगी का प्रभाव वाला क्षेत्र भी. लोकसभा के 8 विधानसभा सीटों में 2 में जोगी कांग्रेस के विधायक हैं. वहीं सिर्फ दो में ही कांग्रेस है.
अरुण साव भाजपा प्रत्याशी-  भाजपा के लिहाज से सबसे मजबूत सीट बिलासपुर है. अरुण साव साहू समाज आते हैं. संघ की पृष्ठभूमि से है लिहाजा इसका फायदा हो सकता है. 8 विधानसभा सीटों में 4 में भाजपा का कब्जा है. लिहाजा इसका लाभ यहां भाजपा को मिल सकता है. बिलासपुर भाजपा गढ़ माना जाता है.

रायपुर
प्रमोद दुबे कांग्रेस प्रत्याशी- राजधानी रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे पहली लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. बतौर महापौर होने का फायदा भी और नुकसान भी. लेकिन सत्ता परिवर्तन से बड़े लाभ की उम्मीद है. वैसे प्रमोद दुबे सीएम भूपेश बघेल के पसंद के उम्मीदवार है. पिछड़ा वर्ग में कुर्मी और साहू समाज बाहुल्य इस सीट पर जातीय समीकरण अहम है. भूपेश बघेल के नाते इसका फायदा हो सकता है. रायपुर लोकसभा की 9 में 6 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
सुनील सोनी भाजपा प्रत्याशी– पूर्व महापौर सुनील सोनी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन मौजूदा सांसद बैस की  टिकट कटने से थोड़ी दिक्कत है. कुर्मी समाज के वोट बंटने से भाजपा को खतरा हो सकता है. हालांकि मोदी लहर से चमत्कार की उम्मीद भी है. क्योंकि शहरी मतदाताओं में मोदी का प्रभाव है.

दुर्ग
प्रतिमा चंद्राकर कांग्रेस प्रत्याशी-  पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही है. दुर्ग लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों में कांग्रेस 8 में काबिज है इसका लाभ मिल सकता है. सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद ताम्रध्वज साहू, मंत्री रविन्द्र चौबे का इलाका. लिहाजा बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर.
विजय बघेल भाजपा प्रत्याशी-  पूर्व विधायक विजय बघेल को भी मोदी लहर से ही उम्मीद है. क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद दुर्ग सीट में भी समीकरण बदले हैं. कुर्मी समाज के वोट पर बहुत कुछ निर्भर है. व्यक्तिगत छवि से लाभ ज्यादा है.