नई दिल्ली। विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के बाद रिक्त हुई भानुप्रपातपुर विधानसभा सीट के लिए निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तारीख का एलान कर दिया है. विधानसभा सीट के लिए 5 दिसबंर को मतदान होगा, वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी.

चुनाव आयोग ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भानुप्रपातपुर के साथ-साथ एक संसदीय और पांच विधानसभा सीटों में उपचुनाव की घोषणा की है. इसमें मुलायम सिंह के निधन से रिक्त हुए उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट के अलावा ओडिशा के पदमपुर, राजस्थान के सरदारशहर, बिहार के कुरहानी, आजम खान को हेट स्पीच के मामले में सजा सुनाई जाने के साथ रिक्त हुई उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट शामिल है.

10 नवंबर से लग जाएगी आचारसंहिता

चुनाव आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, 10 नवंबर को उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर है. 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 21 नवंबर तक प्रत्याशी अपने नामांकन वापस ले सकते हैं. 5 दिसंबर को मतदान होगा, वहीं मतपत्रों की गणना 8 दिसंबर को होगी. चुनाव की पूरी प्रक्रिया 10 दिसंबर तक पूरी की जाएगी.

16 अक्टूबर को हुआ था मनोज मंडावी का निधन

बता दें कि मनोज मंडावी का 16 अक्टूबर को निधन हो गया था, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनके निधन की अधिसूचना जारी करते हुए इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भेज दी थी. अधिसूचना जारी होने के साथ ही रिक्त हुए भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया था. 

उबल रहा आदिवासी आरक्षण का मुद्दा

आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर चल रही सियासत के बीच भानुप्रतापपुर उपचुनाव महत्वपूर्ण हो गया है. जनता का रुख तय करेगा कि वह इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ है, या फिर भाजपा के. यह उपचुनाव कांग्रेस सरकार के साथ-साथ भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के राजनीतिक कौशल की भी परीक्षा होगी.