नई दिल्ली. दिल्ली में हुए निर्भया कांड (nirbhaya case) ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इसके बाद से ही देश की निगाहें कानून पर टिकी थी कि, जल्द से जल्द कब निर्भया को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. हालांकि, 7 सालों के लंबे इंतजार के बाद आज भी जनता सिर्फ यही चाहती है कि, निर्भया के आरोपियों को उम्र कैद या कोई और सजा नहीं बल्कि फांसी की सजा सुनाई जाए.

क्योंकि, उनके अपराध के आगे कोई भी सजा काफी छोटी है. इस केस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोषी अक्षय की पुर्नविचार याचिका पर सुनवाई की. जिसमें दोषी के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, फांसी की सजा के लिए दबाव बनाया जा रहा है इतनी हड़बड़ी क्यों है. तो वहीं कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी अक्षय की पुर्नविचार याचिका को खारिज कर दिया है. यानि अब निर्भया के दोषियों को बहुत जल्द फांसी की सजा सुनाई जाएगी. बता दें, 2 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में इस केस की सुनवाई होगी. यानि सुप्रीम कोर्ट के बाद अब देश की निगाहें पटियाला हाउस कोर्ट पर टिकी हैं.

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इस दौरान उन्होंने जांच पर भी कई तरह के सवाल उठाए और तिहाड़ के जेलर सुनील गुप्ता की किताब का जिक्र कोर्ट में किया. उन्होंने कहा कि, किताब के मुताबिक, राम सिंह (आरोपी) की आत्महत्या पर सवालिया निशान उठाए. जिस पर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि, ट्रायल पूरा होने के बाद कोई किताब लिखे ये खतरनाक ट्रेंड है. साथ ही उन्होंने कहा कि, ये बात उस वक्त क्यों नहीं बताई गई जब ट्रायल हो रहा था ? जस्टिस ने कड़े रुख में आगे कहा कि, कोई बाद में कुछ भी लिख दे, इसका कोई मतलब ही नहीं.

आपको बता दें, कोर्ट में दोषी अक्षय के वकील ने अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि, फांसी इसलिए दी जा रही है क्योंकि, दोषी गरीब है. केस में जो कुछ भी हो रहा है वह सिर्फ राजनीतिक एजेंडा है. इस दौरान उन्होंने अक्षय की तरह ही वेद-पुराण का जिक्र किया और कहा कलयुग में लोग सिर्फ 60 साल जीते हैं जबकि, दूसरे युग में इससे कई ज्यादा.

वहीं मामले पर सुनवाई की शुरुआत सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की. जिसमें उन्होंने कहा कि, दोषी अक्षय रहम का हकदार है ही नहीं. उसकी याचिका को फौरन खारिज कर देना चाहिए. SG तुषार मेहता ने कहा कि, ये पूरा मामला फांसी का फिट केस है, क्योंकि यह मानवता के खिलाफ हमला था. इसलिए इस केस पर बिना देरी किए फौरन सुनवाई करनी चाहिए और दोषी को मौत की सजा मिलनी चाहिए.