नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थलों की सूची में तेलंगाना स्थित काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा मंदिर) मंदिर को शामिल किया है. यूनेस्को ने इस संबंध में रविवार को घोषणा की है. तेलंगाना के वारंगल जिले के हनमाकोंडा स्थित मंदिर के चयन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए लोगों से दर्शन करने की अपील की है.

जानकारी के अनुसार, भगवान शिव का यह इकलौता मंदिर है जिसे इसके शिल्पकार रामप्पा के नाम से भी जाना जाता है. इसे थाउजेंड पिलर मंदिर यानी सौ खंबो वाला मंदिर भी कहा जाता है. काकतीय वंश के महाराज ने इस मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में करवाया था. माना जाता है कि इस मंदिर के दौरान बने अनेक मंदिर खंडहर में बदल गए हैं, लेकिन इस मंदिर को कई प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी कोई नुकसान हीं पहुंचा है. इस विषय पर कई बार शोध भी हो चुके हैं.

वर्ष 1163 में काकतिय नरेश राजा रूद्र देव द्वारा निर्मित यह मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है. इसका प्रवेश द्वार, गुम्बद, शिलालेख सहित कई चीजें आकर्षण का केंद्र है. यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने से इसका रख रखाव और बेहतर तरीके से होगा, साथ ही मंदिर अब श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा विकल्प होगा.

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मंदिर की महानता का करें अनुभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के चयन पर खुशी जताते हुए लोगों को, खासतौर से तेलंगाना के लोगों को बधाई दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि रामप्पा मंदिर महान काकातयी राजवंश के अप्रतीम कला का शानदार नमूना है. मैं आप सभई से इस सुंदर मंदिर के दर्शन की अपील करते हुए इसकी महानता का अनुभव करें.

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