रायपुर। कोरोना संकट में लाॅकडाउन के कारण राज्य के बाहर फंसे हुए प्रदेश के नागरिकों को वापस घर आने की अनुमति देने मे घोर लापरवाही बरते जाने पर विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य शासन पर सवाल खड़े किये है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में 10 मिनट से लेकर 12 घंटे के भीतर निर्धारित समय सीमा में परमिशन मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में कई लोगों का 15-17 दिनों से आवेदन लगा है पर उन्हें अब तक परमिशन नही मिला है। जो लोग राज्य से बाहर जाना चाहते है,उन्हें जाने देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए वही हमारे राज्य लोग जो अपने साधनों से आना चाहते है उनको उचित निर्देशों के पालन के साथ तत्काल परमिशन मिलना चाहिए।

बृजमोहन ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि साधारण स्तर के निर्णय लेने में भी सरकार ने अदूरदर्शिता का परिचय दिया है। मसलन 23 मार्च के पहले जो लोग राज्य से बाहर पारिवारिक कारणों से या इलाज के लिए या घूमने गए थे। जो लॉक डाउन के कारण, वापस छत्तीसगढ़ नहीं आ पाए है उनके लिए सरकार ने कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया है। कई छोटे परिवार तो पूरे सदस्यों के साथ छत्तीसगढ़ के आसपास के जिलों में महीनों से अटके हुए हैं। वे अपने निजि साधनों से वापस अपने घर छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं। पर सरकार है कि उन्हें ना तो छत्तीसगढ़ आने की अनुमति दे रही है, न हीं यह बता रही है कि वह कब तक छत्तीसगढ़ आ सकेंगे । यह दुर्भाग्य जनक है। देश के अन्य राज्यों में इसके लिए बहुत उपयुक्त व्यवस्था की गई है। वे अपने लोगो को निजि साधनों से घर आने की अनुमति दे रहे हैं , छत्तीसगढ़ सरकार कम से कम इन राज्यों से सीखे। अग्रवाल ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य का ऑनलाइन ई-पास एप्प सिर्फ औपचारिकता के लिए है। इस एप्प के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आने वाले नागरिकों को पास जारी ही नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार तत्काल इस दिशा में उचित कदम उठाए।