रायपुर. पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और रायपुर सांसद सुनील सोनी ने शुक्रवार को केंद्र द्वारा राज्य को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं कराए जाने के आरोप पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार खाद के नाम पर किसानों को लूट रही है.

अग्रवाल ने कहा कि खाद का कृत्रिम संकट पैदा कर दिया गया है. एक क्विंटल कंपोस्ट खाद खरीदने के लिए किसानों को मजबूर किया जा रहा है, जो कि कंपोस्ट खाद के नाम पर सिर्फ मिट्टी है. प्रदेश के किसी भी लैब में इसकी टेस्टिंग नहीं कराई गई है. कोई किसान मिट्टी मिली हुई खाद नहीं खरीदना चाहता, उन्हें मजबूर किया जा रहा है.

बृजमोहन ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री कहते हैं कि केंद्र सरकार खाद उपलब्ध नहीं करवा रही है. 13 लाख 70 हजार मीट्रिक टन खाद उपलब्ध होना है, जिसमें 8 लाख 37 हजार 725 मीट्रिक टन उपलब्ध कराई जा चुकी है, लेकिन फिर भी प्रदेश में 4 लाख 22 हजार 339 मीट्रिक खाद वितरित की गई है. वहीं 4 लाख 15 हजार 386 मीट्रिक टन खाद बचा हुआ है.

राज्य सरकार झूठा आरोप लगा रही है – बृजमोहन

बृजमोहन ने कहा कि इसके बावजूद यूरिया के लिए किसान मारा मारा फिर रहा है. किसानों को यूरिया खाद ब्लैक में खरीदने की नौबत आ गई है, जितना वितरण हुआ है, उसका 4 गुना अभी भी उपलब्ध है. एमओपी खाद अभी भी 19 लाख 856 मीट्रिक टन धान बचा हुआ है. राज्य सरकार झूठे आरोप लगाती है कि केंद्र उन्हें खाद उपलब्ध नहीं करा रही है, जबकि राज्य और केंद्र के अधिकारियों के साथ हर हफ्ते खाद के विषय को लेकर बैठक होती है.

अव्यवस्थाओं के कारण ये नौबत आई

छत्तीसगढ़ में खाद के कृत्रिम संकट पैदा कर के कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ओपन मार्केट में खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं. हमारी जानकारी में डबल लॉक में खाद है, लेकिन सरकार सिंगल लॉक भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है. सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण ये नौबत उत्पन्न हुई है.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल हैं. यहां खाद को लेकर मारामारी चल रही है. किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, आंदोलन, चक्काजाम और आत्महत्या कर रहे हैं. ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को तो अपने आकाओं को खुश करने से फुर्सत नहीं है.

कार्यकर्ता कर रहे कालाबाजारी

बृजमोहन ने कहा कि खाद्य वितरण की जिम्मेदारी कृषि विभाग और सहकारिता विभाग की होती है, जो कृषि विभाग के मंत्री हैं, वह भीड़ में जाना पसंद नहीं करते. सिर्फ प्रेस में उन्हें बोलना आता है और सहकारिता मंत्री का भगवान मालिक है. कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के संरक्षण में खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं.

2500 समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. खाद के नाम पर शोषण किया जा रहा है. यूरिया को छोड़कर बाकी खाद के सप्लाई का टेंडर राज्य सरकार को करना होता है. जो मार्च में हो जाना चाहिए था. लेकिन वह मई में किया जाता है. भविष्य में खाद के मुद्दे और किसानों की परेशानियों को लेकर भाजपा सड़क पर उतर कर लड़ाई लड़ने वाली है.

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