महासमुंद। जब रायपुर में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मीडिया से बातचीत में सफाई दे रहे थे. ठीक उसी वक्त कमिश्नर के आदेश पर बनी महासमुंद के प्रशासनिक अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी अपनी दूसरी बैठक में इस बात पर चर्चा कर रही थी कि बृजमोहन की पत्नी और बेटे के नाम की ज़मीन के मामले में क्या कार्रवाई की जाए ? इस कमेटी में डीएफओ आलोक तिवारी, जल संसाधन विभाग के अधिकारी पी के आनंद, ज्वाइंट कलेक्टर एस के तिवारी शामिल हैं. ये कमेटी की दूसरी बैठक थी.

 

दरअसल, इस मामले में कमिश्नर से शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने मामले की जांच की थी. जांच में गड़बड़ी पाई गई थी. आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि जांच में पाया कि इस ज़मीन को सिंचाई विभाग को दान किया गया था. लेकिन ये बात रिकार्ड में नहीं चढ़ पाई थी. इस स्थिति में ज़मीन को लेकर क्या फैसला किया जाए ? इसे लेकर आगे की कार्रवाई के लिए कमिश्रर ने एक कमेटी बना दी थी.

चर्चा ये भी है कि बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी और बेटे के नाम की इस ज़मीन की जानकारी पीएमओ को पांच महीने पहले भेजी गई थी, हालांकि तात्कालीन कलेक्टर उमेश अग्रवाल ना तो इस शिकायत की पुष्टि कर रहे हैं और ना ही इसे खारिज़ . पीएमओ तक शिकायत की बात को लेकर जब लल्लूराम डॉट कॉम ने तात्कालीन कलेक्टर उमेश अग्रवाल से पुष्टि करनी चाही,  तो उमेश अग्रवाल ने कहा कि ये मामला महासमुंद जिला प्रशासन का है,  इसलिए इस पर वो कोई कमेंट नहीं कर सकते.