ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) का निधन हो गया है. 96 साल की एलिजाबेथ द्वितीय को उनके स्कॉटलैंड में बोल्मोरल कैसल स्थिति आवास पर डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था. बकिंघम पैलेस की ओर से गुरुवार को यह जानकारी दी गई. उन्होंने 70 साल तक ब्रिटेन की महारानी के रूप में राज किया. अपने संपूर्ण जीवनकाल के दौरान एलिज़ाबेथ ने कई बार भारत का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने भारत के तमाम पॉलिटिकल लीडर्स से मुलाकात किया था.

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय कब कब आईं भारत?

बता दें कि ब्रिटेन की क्वीन Elizabeth II ने अपने संपूर्ण जीवनकाल में तीन बार भारत का दौरा किया था. उन्होंने पहली बार 1961 में भारत की यात्रा की थी. इसके बाद 1983 और फिर 1997 में देश की दहलीज पर कदम रखा था. भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ऐसी शख्सियत रहे, जिन्होंने एलिजाबेथ से अंतिम बार मुलाकात (ब्रिटेन में) की थी. उन्होंने ब्रिटेन की क्वीन से साल 2015 और फिर 2018 में बकिंघम पैलेस में मुलाकात की थी.

पहले दौरे में किया ताज का दीदार

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) ने पहली बार 1961 में भारत का दौरा किया था. तब देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (President Rajendra Prashad) और पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (PM Jawahar lal Nehru) शाही परिवार की अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. वह प्रसाद के निमंत्रण पर भारत के गणतंत्र दिवस पर भारत आईं थीं. इस दौरान उन्होंने विश्व प्रसिद्ध ताजमहल (Taj Mahal) का दीदार किया था. यह आजाद भारत में ब्रिटिश शाही परिवार का पहला दौरा था. महारानी (Elizabeth II) के साथ तब प्रिंस फिलिप भी देश के दौरे पर आए थे और यहां उनका शानदार स्वागत किया गया था. अपने पहले दौरे पर महारानी गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुई थीं और उन्होंने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि भी दी थी.

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पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के निमंत्रण पर दूसरी बार आई भी भारत

ब्रिटिश महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) ने अपना दूसरी बार भारत की यात्रा वर्ष 1983 में किया था. वह तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के निमंत्रण पर भारत दौरे पर आईं थीं. भारत पहुंचने पर राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनका और उनके पति प्रिंस फिलिप का स्वागत किया था. अपने 9 दिनों के दौरे के दौरान उन्होंने पीएम इंदिरा गांधी (PM Indira Gandhi) से मुलाकात की थी. इस दौरे में उन्होंने मदर टेरेसा (Mother Teresa) को सिविलियन अवॉर्ड ऑर्डर ऑफ मेरिट से नवाजा था. चूंकि वे भारतीय भोजन नहीं खाती थीं, इसलिए उनके लिए दिल्ली के हैदराबाद हाउस में खास शेफ बुलाए गए थे, जो ब्रिटिश महारानी की पसंद का भोजन बनाने में दक्ष थे.

तीसरे दौरे में पहुंचीं थीं जलियांवाला बाग

क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) ने अपना तीसरा और आखिरी दौरा वर्ष 1997 में किया था. यह भारत की ब्रिटेन से आजादी की 50वीं जयंती थी और देश आजादी के इस स्वर्णिम अवसर को पूरे जोश से मना रहा था. इस दौरे अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ पहुंची ब्रिटिश क्वीन ने कई धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया था. उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में जाकर वहां पर माथा टेका था. साथ ही जलियांवाला बाग में जाकर अपनी श्रद्धांजलि भी धी. ऐसा करने वाली वे ब्रिटेन की पहली राष्ट्राध्यक्ष थीं. इस दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायण से मुलाकात की थी. एलिजाबेथ ब्रिटिश इतिहास में सबसे उम्रदराज और सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी थीं.

महारानी ने इस दौरान भारत में मिली गर्मजोशी और स्वागत की खूब तारीफ भी की थी. उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा था, “भारतीयों की गर्मजोशी और आतिथ्य भाव के अलावा भारत की समृद्धि और विविधता हम सभी के लिए एक प्रेरणा रही है.”