रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में हाथियों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने लगाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 17 जिले हाथियों से प्रभावित हैं. 200 लोगों की मौत हाथियों के कारण हुई है. 7000 घरों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है.

टी एस सिंहदेव ने सदन में जानकारी दी कि हाथियों के कारण 32,900 हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है. सरकार हाथी और लोगों के टकराव के लिए ठोस योजना नहीं बना पाई है. उन्होंने कहा कि हाथियों के आक्रमण को रोकने में सरकार नाकाम है और प्रदेश में इसे लेकर आक्रोश है.

वन मंत्री महेश गागड़ा ने इस पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वन विभाग जनभागीदारी द्वारा हाथी और मानव द्वंद्व को रोकने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरगुजा के खाटबर्रा में 2 महिलाओं को मार दिया, वहीं 14 मकानों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया.

महेश गागड़ा ने कहा कि हाथियों के हमले के कारण हुई मौत पर 691 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया गया. मकानों के नुकसान पर 807 लाख रु, फसल के नुकसान पर 2,498 लाख रु का भुगतान किया गया है.

वन मंत्री महेश गागड़ा ने सदन में जानकारी दी कि हाथी मित्र दल को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आकाशवाणी से ही हाथी विचरण की जानकारी प्रसारित की जा रही है. हाथी प्रभावित क्षेत्रों में फल वृक्षारोपण, वॉटर बॉडी का निर्माण किया जा रहा है. क्षतिपूर्ति की राशि 2015 के बाद जनहानि में 4 लाख रु, अंग विक्षत होने पर 2 लाख रु, पशुहानि में 30 हजार रुपए की दर से मुआवजा दिया जा रहा है.

वन मंत्री महेश गागड़ा ने जानकारी दी कि भारतीय वन जीव संस्थान द्वारा हाथियों पर 3 साल तक अध्ययन किया जाएगा. जानवरों में रेडियो कॉलर लगाकर अध्ययन किया जाएगा. वन विभाग और एसओएस का एमओयू किया गया है. उन्होंने बताया कि कर्नाटक से कुनकी हाथी लाया गया है. क्षेत्र में जनहानि रोकने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. वन मंत्री ने कहा कि 2 रेडियो कॉलर आईडी आ चुका है. 10 और आईडी आना है. इसके माध्यम से हाथियों के विचरण का अध्ययन किया जा सकता है.

वन मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष का निशाना

वहीं नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि कुनकी हाथी को लाने में 8 साल लग गए. इस विलम्ब के लिए जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि हाथियों को नियंत्रित करने की जरूरत है, जबकि सरकार केवल लोगों को जागरुक कर रही है.

टी एस सिंहदेव ने कहा कि लोग क्या कर सकते हैं, जब उनके यहां हाथी आएगा. हाथी जब झुंड में आएंगे, तो लोग जागरूक रहकर ही क्या कर लेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन हाथियों का नियंत्रण नहीं कर पा रही है.