नाएप्यीडॉ (म्यांमार)। म्यांमार (बर्मा) में शासन पर काबिज सेना ने मध्य म्यांमार में भीड़ पर हवाई हमले कर 20 से 30 बच्चों और महिलाओं सहित 100 लोगों को मार दिया. ये लोग सैन्य शासन के विरोधियों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जमा हुए थे. संयुक्त राष्ट्र ने आम नागरिकों पर म्यांमार की सेना के हवाई हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है.

बता दें कि म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर दिया था. इसके बाद उभरे विरोध के स्वर को दबाने के लिए लगातार विरोधियों पर हमले करता रहा है. ऐसा पहला मौका है, जब हवाई हमले के जरिए लोगों को मौत के घाट उतारा गया है. एक अनुमान के अनुसार, तख्तापलट के बाद से सुरक्षा बलों की कार्रवाई में म्यांमार में 3,000 से अधिक नागरिकों को मौत के घाट उतारा जा चुका है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस हवाई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए आम नागरिकों के खिलाफ सेना के अभियान को समाप्त करने का भी आह्वान किया है. वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने बयान जारी कर कहा कि हवाई हमले की रिपोर्ट काफी परेशान करने वाली है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पीड़ितों में हॉल में नृत्य कर रहे स्कूली बच्चे और उद्घाटन समारोह में भाग लेने वाले अन्य नागरिक शामिल हैं.

म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मांडले से लगभग 110 किलोमीटर उत्तर में स्थित सागैंग क्षेत्र की कनबालु टाउनशिप में पाजिगी गांव के बाहर हुए इस वाकये की जानकारी देते हुए प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सेना का विरोध करने वाले समूह नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) के स्थानीय कार्यालय के उद्घाटन के लिए लोग जमा हुए थे. हेलिकॉप्टर के जरिए जमा हुए लोगों पर गोलीबारी और बमबारी की. मारे गए लोगों में सरकार विरोधी सशस्त्र समूहों और अन्य विपक्षी संगठनों के नेता भी शामिल हैं.

वहीं सेना ने इन आरोपों का खंडन किया है कि वह नागरिकों पर अत्याचार करती है. उसका कहना है कि वह देश को अस्थिर करने के लिए लड़ रहे आतंकवादियों का सामना कर रही है. वहीं सेना का विरोध करने वाले समूह नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) ने बयान में कहा कि आतंकी सेना की ओर से यह जघन्य कृत्य निर्दोष नागरिकों के खिलाफ ताकत के उनके अंधाधुंध इस्तेमाल का एक और उदाहरण है.

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