Business Idea: आजकल लोग तुलसी (tulsi) का पौधा व्यापारिक तौर पर उगाकर और उन्हें बाजार में बेचकर लाखों की कमाई कर रहे है. भारत के सबसे लोकप्रिय और आसानी से मिलने वाले औषधीय पौधे है. दुनियाभर में तुलसी की करीब 150 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें ओसिमम बेसिलिकम यानी बोवई तुलसी, ओसिमम अमेरिकेनम यानी काली तुलसी, ओसिमम ग्रेटिसिकम यानी बन तुलसी या रामा तुलसी, ओसिमम विरडी यानी जंगली तुलसी, ओसिमम सैंक्टम और ओसिमम किलिमण्डस्क्रिकम आदि को तुलसी की अहम किस्मों के तौर पर देखा जाता है.
तुलसी की खेत की तैयारी
वैसे तो भारत के हर घर में तुलसी का पौधा मिल जाता है, लेकिन औषधीय तुलसी की खेती जैविक तरीके से ही करनी चाहिये. तुलसी की खेती के लिये जून-जुलाई तक समय बेहतर माना जाता है, क्योंकि मानसून की बारिश पड़ने से इसकी पैदावार अच्छी होती है. तुलसी की खेती के लिये अच्छी जलनिकासी वाली दोमट-बलुई मिट्टी को सबसे बेहतर माना जाता है. किसान चाहें तो कम उपजाऊ भूमि में भी सीधे तुलसी के बीजों की बुवाई कर सकते हैं.
तुलसी की खेती में निवेश और लाभ
अगर आप तुलसी की खेती करना चाहते है, तो एक हेक्टेयर में तुलसी की खेती करने के लिए आपको लगभग 15 से 20 हजार रुपय खर्चा करने होंगे, हो सकता है कि आपको अपने स्थान विशेष में निराई, गुड़ाई और सिंचाई की सुविधाओ में कीमत मे कुछ अंतर मिले, तो इससे कुल लागत मे भी कुछ परिवर्तन होंगे, परंतु इसकी खेती का अप्रोस कीमत इसी के आस पास होती है.अब अगर हम इस व्यापार में कमाई की बात करे, तो इसमें हम दो तरह से कमाई कर सकते है. एक तुलसी के बीज बेचकर और दूसरा तुलसी का तेल बेचकर.
तुलसी का तेल इसकी पत्तियों से तैयार किया जाता है. अगर आप इसकी उपज का अंदाजा लगाना चाहते है तो इसमें आप लगभग एक हेक्टेयर जमीन में लगभग डेढ़सौ किलोग्राम के आस पास बीज और दौसों किलोग्राम के आस पास तुलसी का तेल प्राप्त कर सकते है. इसके बीज की लगभग कीमत 200 रुपय किलोग्राम है वही इसका तेल 700 से 800 रुपय प्रतिलिटर बिकता है. अगर हम इस तरह से अंदाजा लगाए तो इस खेती में एक वर्ष मे लगभग 2 से 2.5 लाख रुपय की कमाई संभव है.
तुलसी की फसल को मार्केट में कैसे बेचे
आप चाहे तो इस फसल को डाइरैक्ट मार्केट में या मंडी में बेच सकते है और लाभ कमा सकते है. इसके अतिरिक्त आप सीधे किसी कंपनी के लिए भी फार्मिंग कर उन्हें अपना माल सप्लाइ कर सकते है. अगर आप इस विकल्प का चयन करते है तो आपको मार्केट तक जाकर बाजार में अपनी फसल बेचने की कोई आवश्यकता नहीं होती बल्कि कंपनी आपके खेतो में आकर आपकी फसल खुद लेती है और आपको उसका उचित मूल्य प्रदान करती है. आप भारत में पतंजलि और अन्य आयुर्वेदिक संस्थानों से जुड़कर एसी खेती कर सकते है और लाभ कमा सकते हैं.
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