शिखिल ब्यौहार,भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी, बसपा और सपा ने चुनाव तारीखों के ऐलान और आचार संहिता लगने से पहले ही उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है. नाम पर मुहर लगने से बाद नामांकन दाखिल करने से पहले ही प्रत्याशी अपने विधानसभा क्षेत्र में खर्च करने लगे हैं. अब कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है. घोषित उम्मीदवारों के खर्च पर नजर रखने की मांग की गई है. हालांकि इस बार हर विधानसभा में विधायक सवा 3 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं.

नॉमिनेशन के पहले का खर्च चुनावी खर्च में ही जोड़ा जाए- कांग्रेस

दरअसल एमपी में उम्मीदवार घोषित करने पर खर्च को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग में बीजेपी के घोषित उम्मीदवारों के खर्च को लेकर शिकायत की गई है. कांग्रेस ने शिकायत में कहा है कि नामांकन के पहले ही उम्मीदवार करोड़ों खर्च कर रहे हैं. घोषित उम्मीदवारों के खर्च पर नजर रखने की मांग की गई है. इसके साथ ही नॉमिनेशन के पहले का खर्च चुनावी खर्च में ही जोड़ा जाए.

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पहले उम्मीदवार घोषित करना बीजेपी का चुनावी षड्यंत्र

कांग्रेस विचार विभाग प्रमुख भूपेंद गुप्ता का कहना है कि बीजेपी साजिश कर रही है. हारी सीटों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. पहले उम्मीदवार घोषित करना भी बीजेपी का चुनावी षड्यंत्र है. चुनाव आयोग ने जांच का आश्वासन दिया है. कांग्रेस भी बीजेपी प्रत्याशियों पर पूरी नजर रख रही है.

चुनावी खर्च की एक सीमा तय

चुनाव आयोग की ओर से हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की एक सीमा तय की गई है. आयोग की ओर से कहा गया है कि उम्मीदवारों को भी इसी सीमा के भीतर खर्च करना होगा. हालांकि, राजनीतिक दलों के लिए खर्च की कोई सीमा नहीं है. हर चुनाव में चुनाव प्रचार में होने वाला खर्च भी चर्चा का अहम विषय होता है. आपने देखा होगा कि हर पार्टी का उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में खूब पैसे खर्च करता है.

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चुनाव में सवा 3 करोड़ खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी

बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनावी साल में अब विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में अधिक राशि खर्च कर सकेंगे. विधायक निधि में अब हर विधानसभा में विधायक 3 करोड़ की जगह सवा 3 करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगे. योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने विधायकों के विधायक निधि (MLA fund) में इजाफा किया था. विधायक निधि में 25 लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है. विधायक लंबे समय से अनुदान राशि बढ़ाने की मांग कर रहे थे. राजपत्र में अधिसूचना भी जारी हो गई है.

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