कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस ने कार चोरी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी किराए पर चलाने के नाम से या फिर फाइनेंस कराकर वाहनों को दूसरे लोगों को बेच दिया करते थे। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनके पास से अलग-अलग कंपनियों की आठ कार बरामद की गई है।

पकड़े गए तीन आरोपी में से दो गुजरात, सूरत के और एक जबलपुर के रांझी का रहने वाला है। पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी है वही इस ग्रुप के अन्य आरोपियों की भी तलाश कर रही है।

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पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी कई लोगों की कार को किराए पर लेकर या तो दूसरी जगह बेच देते थे या फिर किसी और कंपनी में अटैच कर देते थे। वहीं यह भी पता चला है कि आरोपी कार फाइनेंस करा कर भी दूसरों को बेच दिया करते थे। आरोपी न तो फाइनेंस कारों की किश्त जमा करते और न ही कार मालिकों को उनका किराया देते थे, न उनकी कार लौटाते थे।

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इसी बात को लेकर पिछले दिनों ओमती थाने में शिकायत के आधार पर पुलिस ने एक टीम बनाकर इस गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरोह के सदस्यों के पास से बरामद आठ कर की कीमत तकरीबन 1 करोड़ के आसपास बताई जा रही है। सभी आठ कार अलग-अलग कंपनियों की है।

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1 आरोपी जबलपुर का

पकड़े गए तीन आरोपियों में से दो आरोपी पंकज खत्री और नवीन खत्री गुजरात सूरत का रहने वाला है। वहीं पीयूष नायडू जबलपुर के रांझी इलाके का रहने वाला है जो लंबे समय से रेकी कर अलग-अलग लोगों की कार को किराए पर लेते और उन्हें दूसरों को बेच दिया करते। पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि पीयूष नायडू नई कार को फाइनेंस कराने का काम करता था और फिर गिरोह के बाकी लोग उस फाइनेंस कार को बेचने का काम किया करते थे।

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अन्य आरोपियों की तलाश जारी

एएसपी सोनाक्षी सक्सेना ने इस मामले में कहा कि पुलिस अन्य आरोपियों को भी पकड़ने की कोशिश कर रही है। इस बात का पता लगाने की कोशिश भी की जा रही है कि आखिर गिरोह के तार कहां-कहां फैले हुए हैं और इसमें कौन-कौन लोग जुड़े हैं। पुलिस इस बात का पता भी लगा रही है कि आखिरकार आरोपी चोरी की कार कैसे बेचते थे और उनका पेमेंट का मोड क्या होता था।

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