धनराज गवली, शाजापुर। पुणे में तैनात थलसेना के जवान का शव जून 2023 में पुलिस को कालीसिंध नदी से मिला था 20 जून जिसकी शिनाख्त भारतीय सेना के जवान जसवंत सिंह  के रूप में हुई थी। वह मूल रूप से  जम्मू कश्मीर के रहने वाले थे। भारतीय सेना के जवान की हत्या की गुत्थी की शाजापुर पुलिस ने बारीकी से पड़ताल की और घटना के 9 महीने बाद सैनिक की हत्या में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले का खुलासा आज पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने प्रेस वार्ता के दौरान किया।

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एसपी यशपाल सिंह राजपूत ने बताया कि मृतक सैनिक जसवंत सिंह के अज्ञात हत्यारों की तलाश कर उनकी गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस को गृह मंत्रालय से निर्देश मिले थे। इसके साथ ही आर्मी जवान की हत्या का मामला होने से पुलिस भी इस हत्याकांड के खुलासे के लिए बारीकी से पड़ताल कर रही थी। पुलिस को मुखबिर से आरोपियों के सेमली गांव में होने की सूचना मिली थी। 

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दरअसल, 20 जून 2023 को सैनिक जसंवत सिह की पुणे से राजौरी जम्मू कश्मीर जाते समय भोपाल में ट्रेन छूट गई थी, जो गलती से जबलपुर सोमनाथ एक्सप्रेस में बैठ गया था। रास्ते मे गलत ट्रेन में बैठ जाने की जानकारी मिलने पर अन्य ट्रेन के माध्यम से वापस भोपाल जाने के लिए कालीसिंध स्टेशन पर उतर गया था। इस दौरान आरोपियों ने बाहरी व्यक्ति होने से लूट के इरादे से सैनिक की हत्या कर दी थी। 

लूट के इरादे से की थी आर्मी जवान की हत्या 

पुलिस ने आरोपियों के बताए ठिकाने पर दबिश दी और आरोपी भुरीया उर्फ श्याम सिंह और माखन सिंह सिसोदिया को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की।  पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि आरोपी राहुल सोलंकी ने लूट के इरादे से मृतक सैनिक जसवंत सिंह की गला घोंटकर हत्या की थी। 

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दोस्ती की कसम देकर लगवाई लाश ठिकाने 

आरोपी ने बताया कि लाश को ठिकाने लगाने के लिए राहुल सोलंकी ने अपने दोस्त लाल सिंह सोलंकी को बुलाया था। लाल सिंह अपने आरोपी दोस्त माखन सिंह और भुरिया उर्फ श्याम सिंह को साथ लेकर सेमली से कालीसिंध स्टेशन पहुंचा जहां वह उनका इंतजार करता था। आरोपी दोस्तों के पहुंचने पर राहुल ने उनसे लाश ठिकाने लगाने के लिए कहा लेकिन लाल सिंह और माखन सिंह ने मदद करने से इंकार कर दिया। लेकिन आरोपी राहुल ने अपने दोस्तों को अपनी दोस्ती की कसम दे कर साथ देने को कहा। 

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नदी में लाश फेंकने से पहले उंगली से उतारी चांदी की अंगूठी 

आरोपी ने दोनों दोस्तों को लाश ठिकाने लगाने के लिए राजी कर लिया और कहा कि वे दोनों उसके मोटर साइकिल के आगे-आगे चलकर उन्हें लोगों के रास्ते में होने की जानकारी दें। इसके बाद आरोपियों ने मृतक सैनिक जसवंत सिंह की लाश कालीसिंध नदी में फेंक दी थी।

लाश को फेंकने से पहले राहुल सिंह और भुरिया उर्फ श्याम सिंह ने मृतक सैनिक जसवंत सिंह के बाएं हाथ में पहनी हुई दो चांदी की अंगूठियां, कागजात और मोबाईल फोन निकाल लिया। आरोपियों ने हाथ में पहने चांदी के कड़े को निकालने की कोशिश भी की लेकिन कड़ा हाथ से नहीं निकलने पर उन्होंने लाश को नदी में फेंक दिया। इसके बाद आरोपी अपने साथी भुरिया उर्फ श्याम सिंह के साथ वापस गांव आ गये। 

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