कुमार इंदर, जबलपुर। ईओडब्ल्यू (EOW) ने सिंडीकेट बैंक से 12 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोपियों को लोन देने से पहले तत्कालीन बैंक मैनेजर और सहायक मैनेजर ने जरूरी जांच-पड़ताल करना तक सही नहीं समझा। बैंक की रकम समय पर ब्याज सहित बढ़कर 18 लाख रुपए से ज्यादा हो चुकी है। ईओडब्ल्यू ने मामले में दंपती सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया है।

ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि सिंडीकेट बैंक शाखा भरवेली बालाघाट से नियमों को ताक पर रखकर आवास लोन दिलाने और पैसा न लौटाने की शिकायत मिली थी। इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोपियों में तत्कालीन सिंडीकेट बैंक प्रबंधक श्रीधर एन डेकाटे और सहायक प्रबंधक लखिंद्र मंडी भी शामिल है।

ये है पूरा मामला
दरसल सिंडीकेट बैंक शाखा भरवेली बालाघाट में वार्ड नंबर 3 निवासी मॉयल कॉलोनी भरवेली निवासी आरिफ हुसैन, उसकी पत्नी समीमुननिशा उर्फ शमीभरन निशा ने 12 जनवरी 2016 को 12 लाख रुपए से ज्यादा का होम लोन लिया था।

बैंक नियमानुसार इस प्लाट को खरीदने के लिए प्लाट को बंधक रखवाना था लेकिन आरोपियों ने न तो प्लाट खरीदा और न ही बैंक के पास गिरवी रखवाया। यही नहीं बैंक से लिए गए लोन की राशि भी वापस नहीं लौटाए। 30 सितंबर 2020 तक बैंक की रकम 18 लाख 65 हजार 154 रुपए हो चुकी है। जांच में तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्रीधर एन डेकाटे और लोन स्वीकृत करने वाले सहायक प्रबंधक लखिनंद्र मंडी ने आरोपियों के केवाईसी दस्तावेज भी नहीं लिए थे।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus