रायपुर। कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के छत्तीसगढ़ चैप्टर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि इससे अधोसंरचना के साथ शहरी-ग्रामीण विकास से अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. कैट ने नया कर नहीं लगाए जाने पर प्रसन्नता जताई है.

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र दोषी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानन्द जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि राज्य बजट के विभिन्न प्रावधानों का असर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. बजट का 40 फीसदी हिस्सा आर्थिक क्षेत्र में व्यय के लिए रखा गया है, जिसकी वजह से प्रदेश व्यापारिक और औद्योगिक जगत को ऑक्सीजन मिलेगा. 1 लाख करोड़ से अधिक के बजट प्रावधानों में ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होने की वजह से आने वाले समय में प्रदेश के व्यवसायिक क्षेत्रों को इसका लाभ मिलेगा.

पदाधिकारियों ने कहा कि बजट में किसी तरह से नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है, जिसकी वजह से बाजार को अतिरिक्त मंहगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, वहीं प्रदेश के भीतर तीन जिलों में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने से बिजनेस सेक्टर उठेगा. औद्योगिक नीतियों के पालन में बजट में घोषणाओं पर अमल किया है, जिसके बाद नोटिफिकेशन भी शीघ्र जारी होने की उम्मीद है. ओैद्योगिक क्षेत्रों के लिए उद्योगों के लिए आवंटित किए जाने वाले भूखंडों की दरों में 30 प्रतिशत तथा लीज रेंट में 33 प्रतिशत कमी की गई है. रियल एस्टेट सेक्टर में सिंगल विंडो प्रणाली लागू होने की वजह से आवासीय परियोजनाओं में गति आएगी.

प्रदेश में एशियन विकास बैंक की सहायता से अधोसंरचना क्षेत्र में सडक विकास परियोजना (फेस-3) के अंर्तगत 3536 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इससे गांव और शहरों के बीच दूरियां कम होने की उम्मीद है.

बजट के इन प्रावधानों से बढ़ेगा बाजार

  • उद्योगों की स्थापना पर दी जानी वाली लागत पूंजी अनुदान के लिए 100 करोड़ एवं ब्याज अनुदान के लिए 30 करोड़ का प्रावधान होने से उद्योगों को बल मिलेगा.
  • जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट में ऑटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर की स्थापना होने से व्यवसयिक क्षेत्र में गति आएगी.
  • नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ व जेम्स व ज्वैलरी पार्क की स्थापना के लिए बजट में 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इससे प्रदेश के सराफा कारोबार और ज्वैलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में प्रगति आएगी.
  • राज्य में उत्पादित सब्जी, फल एवं मोटे अनाज की प्रसंस्कृत कर मूल्य संवर्धन की दृष्टि से उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नए फूड पार्क की स्थापना से प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग उद्योगों की संख्या बढ़ेगी.
  • इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करते हुए इससे संबंधित उपकरण निर्माम उद्योगों को बढ़ावा देने से निवेशक आकर्षित होंगे.
  • अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में 20 एकड़ तक निजी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना देते हुए अधोसंरचानात्मक विकास कार्यों के विरूद्ध 4 करोड़ तक का अनुदान देने का प्रावधान है. इस प्रावधान से बस्तर जैसे सुदुर इलाकों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.