नई दिल्ली. सीबीआई ने 50,000 रु. की कथित घूसखोरी के आरोप पर सेना के हवलदार रैंक के दो कर्मियों को गिरफ्तार किया.

सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर दक्षिणी कमाण्ड, पुणे के 02 सैन्य कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ. यह आरोप है कि शिकायतकर्ता का सेना आयुध वाहिनी, पुणे द्वारा आयोजित परीक्षा में एमटीएस के पद पर चयन हुआ और बुलावा पत्र प्राप्त हुआ एवं उन्हे मूल बुलावा पत्र के साथ 19 नवम्बर, 2021 या उससे पहले आयुध कारखाना, वर्धा (महाराष्ट्र) में कार्यभार ग्रहण करना था.

आगे यह आरोप है कि शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने की औपचारिकता के वादे पर, आरोपी ने शिकायतकर्ता का वास्तविक बुलावा पत्र ले लिया और 2.5 लाख रु. की रिश्वत की मॉग की और 50,000/- रु. की आरम्भिक धनराशि स्वीकार करने पर सहमत हुआ. यह भी आरोप है कि एक आरोपी के खाते में फोनपे (phonepay) के माध्यम से शिकायतकर्ता के द्वारा 30,000/- रु. की धनराशि स्थानान्तरित की गई. बाद में, दोनो आरोपियों ने कथित तौर पर 20,000/- रु. की शेष राशि प्राप्त करने के लिए शिकायतकर्ता के पास आए. सीबी आई ने जाल बिछाया एवं आरोपी को उक्त धनराशि की मॉग करने एवं स्वीकार करने के दौरान पकड़ा.

पुणे स्थित आरोपियों के परिसरों में सीबीआई  ने तलाशी ली गई जिसमें इस मामलें से सम्बन्धित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. दोनो आरोपियों को सी बी आई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत के समक्ष आज पेश किया गया एवं उन्हे पॉच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया.

एक अन्य मामलें में, सीबीआई ने धूसखोरी के मामलें में असैन्य राजपत्रित अधिकारी, वायु सेना, लोहेगॉव, पुणे को शिकायतकर्ता से प्रारम्भिक किश्त के तौर पर 4,000/- रु. की रिश्वत की मॉग करने एवं स्वीकार करने के दौरान पकड़ा.

एक शिकायत के आधार पर उक्त अधिकारी, वायु सेना, 2 विंग, लोहेगॉव, पुणे के विरुद्ध मामला दर्ज किया. यह आरोप है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के देहु रोड, पुणे हेतु पारस्परिक स्थानान्तरण के अपने निवेदन को स्वीकार करने के लिए उनसे 50,000/- रु. की अनुचित लाभ की मॉग की. पुणे स्थित आरोपी के कार्यालयी एवं आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए.

आरोपी को सी बी आई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत, पुणे के समक्ष पेश किया गया एवं 02 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया.