कानपुर. उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के एक साल से ज्यादा समय बाद सीबीआई की लखनऊ इकाई ने कानपुर में 28 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. सरकार ने पिछले साल अगस्त में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. मोदी को ‘पैसों की भूख’: 100 कारणों से जाएगी एनडीए सरकार, महंगाई सबसे बड़ी वजह- पी. चिदंबरम

सीबीआई ने सोमवार को संजीत के सहयोगी राहुल यादव के खिलाफ अपहरण या हत्या के लिए अपहरण आरोप में मामला दर्ज किया. संजीत के परिवार ने आरोप लगाया था कि हत्या के पीछे राहुल का हाथ है. कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत 22 जून, 2020 को अपहरण किया गया था औश्र उसकी हत्या कर दी गई थी और उसके शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया था. परिवार के अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने संजीत की रिहाई के लिए फिरौती की मांग की थी और स्थानीय पुलिस की सलाह पर, परिवार ने पैसे दिए, लेकिन न तो उन्हें संजीत मिला और न ही पैसे मिलें.

सात आरोपी हो चुके है गिरफ्तार

कुलदीप, रामजी शुक्ला, ज्ञानेंद्र यादव, प्रीति शर्मा, नीलू सिंह, सिमी सिंह और चीता को पिछले साल 24 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. कुलदीप और रामजी संजीत के दोस्त थे. उन्होंने संजीत की हत्या करने की बात कबूल की और कहा कि उन्होंने उसके शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. हालांकि, एक सप्ताह की खोज के बावजूद, शव नहीं मिला. इसके बाद में मामले में ढिलाई बरतने के आरोप में एक आईपीएस अधिकारी और 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.