रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल से दुर्ग जिले में बीते एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण 16 फीसदी घट गया है. इसकी जानकारी एंटीजन टेस्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से मिली है. 10 अप्रैल को लगभग 2596 लोगों के एंटीजन टेस्ट किए गए. इनमें 1259 पॉजिटिव आए. यह कुल आंकड़ों के 48 प्रतिशत थे. इससे दुर्ग जिले में थोड़ी राहत देखने को मिली है, लेकिन स्थिति अब भी भवायह हैं.

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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 15 अप्रैल यानी गुरुवार को 2723 लोगों की टेस्टिंग एंटीजन के माध्यम से हुई. इनमें 879 पॉजिटिव आए. यह कुल आंकड़ों का 32 प्रतिशत है. बीते चार दिनों के आंकड़े देखें तो संक्रमण का दर क्रमशः 36, 33, 30 एवं 32 प्रतिशत रहा है. इस तरह एंटीजन टेस्ट में गिरावट यह साबित करती है. लॉकडाउन जिले में प्रभावी हुआ है. कोरोना संक्रमण पर इससे रोकथाम लगी है. एंटीजन टेस्ट के रिजल्ट मौके पर ही मिल जाते हैं. इसलिए इनके नतीजे हर दिन के संक्रमण की स्थिति स्पष्ट रूप से बयान करती है.

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लॉकडाउन का सकारात्मक परिणाम

एंटीजन टेस्ट के नतीजों की समीक्षा से स्पष्ट है कि लॉकडाउन का सकारात्मक परिणाम आया. दुर्ग जिले में 6 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया. इस दिन 2659 टेस्ट हुए और 529 पॉजिटिव हुए थे. यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था. अगले दिन यह आंकड़ा 34 प्रतिशत रहा. इसके बाद दो दिनों तक 40 और 41 प्रतिशत रहा फिर अगले दो दिन 48 प्रतिशत तक रहा.

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लॉकडाउन नहीं लगता, तो कई गुना बढ़ता संक्रमण

दुर्ग में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन लॉकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई. अगर लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो यह प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता. यह प्रश्न मन में उभर सकता है कि लॉकडाउन के दो-तीन दिनों में ही बेहतर नतीजे एंटीजन टेस्ट में क्यों नहीं दिखे. इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है. इसके लक्षण दो-तीन दिनों तक उभरते हैं. एकदम से लॉकडाउन के बाद संक्रमण नहीं रुकता.

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लॉकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें थोड़ा समय लगता है. इसके साथ ही कारण यह भी है कि इस वेव में पूरे परिवार पर संक्रमण का असर देखा गया है. परिवार के एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर थोड़ा भी ध्यान नहीं रखने पर पूरे परिवार के संक्रमण की आशंका बनती है. अधिकतर मामलों में यही हुआ. इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि लॉकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी. इसके नतीजे प्रभावी रहे हैं.