सरगुजा। पुलिस को कत्ल के मामले में बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने 9 माह पुराने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा लिया है. आरोपियों ने मृतक की पहचान छुपाने सिर धड़ से अलग और पैर काटकर फेक दिया था, ताकि साबूत को मिटाया जा सके. इस खौफनाक कत्ल का पत्नी ने अपने आशिक के साथ मिलकर अंजाम किया था. सैकड़ों CCTV फुटेज और गुम इंसान खंगाले गए. इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पुलिस ने कातिलों को खोज निकाला. मृतक की पत्नी और उसके आशिक ने वारदात को अंजाम दिया था.

दरअसल, प्रार्थी विश्राम कुजूर भूतपूर्व सरपंच बधिया बुआ के द्वारा थाना आकर यह बताया गया कि उसी के गांव के सुरजन अपने अन्य साथियों के साथ दिनांक 20/06/2021 को गर्दन पाठ मंदिर के तालाब का छटका (बांध) में मडंली बहने से रोकने के लिए जाली बांधने गया था, तभी तालाब से निकलकर बहने वाले नाले में झाडियों के नीचे दो जूट के बोरे से गंध आ रही थी. इसकी जानकारी विश्राम कुजूर ने कोतवाली पुलिस को दी.

कोतवाली पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों की सहायता से दोनों जूट के बोरी को निकलवाकर खोलकर देखा गया, जिसमें एक अज्ञात पुरुष का शव पाया गया. सरगुजा पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए घटना स्थल पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट की सहायता से शव का निरीक्षण किया गया. बोरे से शव को निकालकर देखने पर यह ज्ञात हुआ कि बोरे में धड़, दोनों हाथ, दोनों जांध के टुकड़े पड़े हुए हैं.

इतना ही नहीं घुटने से नीचे दोनों पैर और गर्दन के ऊपर सिर गायब है. शव की पहचान योग्य कोई भी वस्तु या साध्य आस पास मौजूद होना नहीं पाया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दी गई. कई टुकड़ों में शव के मिलने से आस पास के क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल व्यप्त हो गया था. अज्ञात मृतक की शिनाख्तगी और अज्ञात आरोपी की पता तलाश की.

सरगुजा रेंज पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव, सरगुजा पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले द्वारा अपने मार्ग दर्शन में अति पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में एक टीम गठीत किया गया, जिस पर टीम द्वारा अज्ञात शव की शिनाख्त हेतु आस पास के क्षेत्रों में पता तलाश किया गया. कई दिन तक पता तलाश करने के बावजूद जब शव का शिनाख्त नहीं हो पाया.

इसी दौरान विशेष टीम को यह पता चला कि जनपद पारा अम्बिकापुर का रहने वाला व्यक्ति राजेश जायसवाल पिछले 3-4 महीनों से गायब है. उसके संबंध में कोई गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं है. उक्त संबंध में राजेश जायसवाल की बहन ललीता जायसवाल पति देवकांत दुबे उम्र 35 वर्ष निवासी चांदन चौक अम्बिकापुर नामक युवती से पूछताछ की गई, जिसके बाद ललीता जायसवाल द्वारा कोतवाली पहुंचकर इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि उसका भाई राजेश जायसवाल पिता मनकु जायसवाल उम्र 32 वर्ष निवास 3-4 महीनों से गायब है.

इसी बीच डीएनए रिपोर्ट आने पर सरगुजा पुलिस के हाथ शव के शिनाख्त में पहली सफलता प्राप्त हुई. यह ज्ञात हुआ कि उक्त अज्ञात शव राजेश जायसवाल पिता मनकू जायसवाल का है. डीएनए रिपोर्ट प्राप्त होने पर पुनः वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में संदेही वैजनाथ जायसवाल एवं सुनीता जायसवाल से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान संदेहियों द्वारा यह बताया गया कि सुनीता एवं बैजनाथ के बीच में लगभग एक वर्ष से अवैध संबंध था, जिसकी शंका मृतक राजेश जायसवाल को हो गई थी, जिसको लेकर राजेश जायसवाल और उसकी पत्नी सुनीता के बीच विवाद होता था.

उक्त प्रकरण के निराकरण में निम्न अधिकारियों कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा निरीक्षक राहुल तिवारी, उप निरी डाकेश्वर सिंह, प्रमोद पाण्डेय, सउनि भुपेश सिंह, अजीत मिश्रा, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, बाल मुकुन्द सिंह, आरक्षक जयदीप सिंह, विकास सिंह, राकेश शर्मा, राहुल सिंह, संजीव चावे, कुन्दन सिंह, लालभुवन सिंह, शिव राजवाडे ।

राजेश और सुनीता के बीच राजेश के जनपदपारा स्थित किराये के मकान में ही विवाद हो रहा था. उसी दौरान बैजनाथ जायसवाल भी राजेश के घर पंहुचा. बैजनाथ के द्वारा राजेश के सिर पर लोहे की रॉड से वार कर घटना कारित किया गया, जिसमें राजेश जायसवाल की मृत्यु हो गई.

घटना के बाद शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से राजेश की पत्नी सुनीता और बैजनाथ ने चाकू और टांगी का प्रयोग कर उसके शव के टुकड़े किए. गर्दन, हाथ, पैर, जांघ को काटकर अलग-अलग प्लास्टिक और बोरियों में भरकर धड, जांघ और हाथ को गर्दन पाट में स्कूटी से ले जाकर फेका. कोतवाली पुलिस ने अपराध क्रमांक 547/2021 धारा 302,201,120 बी, के तहत आरोपी सुनिता जायसवाल और वैजनाथ जायसवाल को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा है.

उक्त प्रकरण के निराकरण में निम्न अधिकारीयों कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा निरीक्षक राहुल तिवारी, उप निरी डाकेश्वर सिंह, प्रमोद पाण्डेय, सउनि भुपेश सिंह, अजीत मिश्रा, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, बाल मुकुन्द सिंह, आरक्षक जयदीप सिंह, विकास सिंह, राकेश शर्मा, राहुल सिंह, संजीव चावे, कुन्दन सिंह, लालभुवन सिंह, शिव राजवाडे.

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