जीपी सिंह की बढ़ती जा रही मुश्किलें

जानकारी के मुताबिक एक मामले में स्पेशल DG अशोक जुनेजा को जांच अधिकारी बनाया गया है, जबकि दूसरे में दुर्ग IG विवेकानंद सिन्हा और एक अन्य में रायपुर IG आनंद छाबड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. अब अलग-अलग मामलों में जांच शुरू हो गई है.
सीनियर IPS जांच अधिकारी नियुक्त
जानकारी के मुताबिक तीन दिन के भीतर जीपी सिंह के खिलाफ तीन अलग-अलग शिकायतों पर जांच के आदेश दिए गए हैं. राज्य सरकार के निर्देश के बाद अलग-अलग मामलों के लिए राज्य सरकार ने सीनियर IPS को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. हालांकि इनमें से अधिकांश मामले पुराने हैं, जिसकी फाइल वर्षों बाद अब खुल रही है है.

आरोप नंबर- 1 नक्सलियों का हड़पा पैसा ?

दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा नक्सलियों की 2 करोड़ की राशि गबन करने के गंभीर आरोप मामले में जांच करेंगे. जीपी सिंह दुर्ग आईजी रहते हुए इनामी नक्सली पहाड़ सिंह को पकड़ा था. उस समय नोटबंदी हुई थी. नक्सली पहाड़ सिंह ने व्यापारियों को बदलने के लिए नोट दिए थे, लेकिन आरोप है कि जीपी सिंह ने व्यापारियों को फंसाने की धमकी देकर वो रकम वसूल लिए और फिर उसका गबन कर लिया था.

आरोप नंबर- 2

रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा को मनजीत कौर बल के आरोपों की तफ्तीश करेंगे. मनजीत कौर बल ने आरोप लगाया है कि गंभीर मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की निलंबित आईपीएस जीपी सिंह ने बचाने की कोशिश की. हालांकि ये मामला 2016 का है.  इस मामले में मनजीत कौर बल ने दोबारा से पत्र भेजकर डीजीपी से प्रकरण की जांच की मांग की है.

आरोप नंबर- 3

स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को जांच अधिकारी बनाया गया है, वो देवेंद्र नगर के दुर्लभ कुमार अग्रवाल नाम के 22 वर्षीय लड़के की तरफ से शिकायत के मामले में जांच करेंगे. रायपुर के पूर्व आईजी जीपी सिंह, तत्कालीन एसपी ओपी पॉल और तत्कालीन डीएसपी अर्चना झा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. डीजीपी की तरफ से इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्ति किया है. CCTV फुटेज में कैद अपराध को छिपाने का आरोप लगाया है.

बता दें कि ACB के रिपोर्ट सौंपते ही सरकार ने छत्तीसगढ़ के सीनियर IPS अफसर जीपी सिंह को निलंबित कर दिया गया था. ACB के छापेमार कार्रवाई से कई सुलासे हुए हैं. जीपी सिंह के सरकारी बंगले से लेकर अन्य 15 ठिकानों से करप्शन से भरे कई दस्तावेज एकत्रित किए गए हैं. इनमें बेनामी संपत्ति समेत विदेशों में कई खातों का जिक्र है. 10 करोड़ की संपत्ति रे कागजात बरामद किए गए थे.

ACB की टीम ने 70 घंटे से ज्यादा की कार्रवाई में कई दस्तावेज खंगाली थी. जब जीपी सिंह ACB चीफ थे, तब लोगों को ब्लैकमेल करने, अवैध वसूली करने, बेशुमार प्रॉपर्टी के मालिक बनने के आरोप थे. इसके बाद से ही वे ACB और EOW के रडार में थे. 10 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ है. फिलहाल जीपी सिंह फरार हैं.

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