रायपुर। कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर जनता में एक खास तरह का डर देखा जा रहा है, जिसे दूर करने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें लोगों का डर दूर करने के लिए तरह- तरह के प्रयास कर रही हैं. प्रदेश में इसी डर को देखते हुए राज्य सरकार ने एक संदेश देते हुए लोगों का भ्रम दूर करने की कोशिश कर रही है. राज्य सरकार ने बताया कि प्रदेश के करीब 10 प्रतिशत आबादी को कोविड- 19 वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इस महीने के अंत तक 45 से अधिक आयु वर्ग, जो कुल आबादी का 20 प्रतिशत है, के सभी 58 लाख 66 हजार 599 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगा दिया जाए. हालाकि अभी तक इस आयु वर्ग के 25 लाख 25 हजार 833 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

कोरोना वैक्सीन पूरी तरह है सुरक्षित
हालांकि अभी भी कुछ लोगों के मन में तरह- तरह का डर है कि इससे प्रजनन क्षमता में असर होगा या कि बीमार नहीं है तो क्यों लगवाएं? इसके अलावा बीमार पड़ जाएंगे या कि तबीयत खराब हो जाएगी. ऐसे में राज्य सरकार का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ, कई विशेषज्ञ चिकित्सक और भारत सरकार के ड्रग रेगुलेटर अथॉरिटी सभी कह रहे हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और आवश्यक मानदंडों का पालन करते हुए तैयार की गई है. साथ ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट बिलकुल नहीं है.

इन लोगों को छोड़कर सभी लगवा सकते हैं वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को छोड़कर या फिर जो अस्पताल में भर्ती हों ,कोरोना संक्रमित हैं या जिन्हे गंभीर प्रकार की एलर्जी है, इन्हें छोड़कर सभी व्यक्ति लगवा सकते है. इसके अलावा ह्दय रोग, किडनी रोग से पीड़ित मरीज भी वैक्सीन लगवा सकते हैं.

वैक्सीनेटेड लोगों को आ सकते हैं मामूली लक्षण
वैज्ञानिक प्रमाण के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद यदि किसी को कोरोना संक्रमण होता है तो उसकी स्थिति उतनी गंभीर नहीं होती, जितना कि बिना टीका लगे मरीजों की हो रही है. वैक्सीनेटेड व्यक्ति यदि संक्रमित होता है तो उसे मामूली लक्षण आएंगे लेकिन गंभीर बीमार नहीं होगा. आईसीयू में तैनात डॉक्टरों का कहना है कि अभी जितने गंभीर मरीज आ रहे हैं उनमें शायद ही कोई हो जिसे वैक्सीन की दोनों डोज लगी हो और वह गंभीर स्थिति में हो. ऐसे में पात्र लोगों को वैक्साीन जल्द लगाना चाहिए, ताकि संक्रमण होने पर भी अस्पताल पहुंचने की नौबत न आए.