रायगढ़ : पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में भारत सहित लगभग पूरी दुनिया आर्थिक और सामाजिक मोर्चों पर प्रभावित रही है। ऐसे समय में अदाणी फाउंडेशन, रायगढ़ में अपने सीएसआर कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य व आजीविका को बेहतर बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व सहायता समूहों को अधिक शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाते हुए आजीविका गतिविधियों व प्रशिक्षण से जोड़ने का कार्य तेजी से किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप महिला समूहों को फिनाइल व दोना पत्तल बनाने, लाख की खेती, वनोपज संग्रहण कार्य, सामूहिक खेती को बढ़ावा देने और जैविक खाद बनाने जैसी विभिन्न रोजगारोन्मुखी कार्यों से जोड़ा गया,जिससे महामारी के इस दौर में 18 गांवों  को सीधे तौर पर लाभान्वित होने का मौका मिला है।
बात बच्चों की शिक्षा की हो, युवाओं के रोजगार की या फिर किसानों के आजीविका संवर्धन योजनाओं की फाउंडेशन ने लगभग हर कदम पर स्थानिकों के चौतरफा विकास के लिए कदम उठाए हैं। इस दौरान जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश के लिए ऑनलाइन कोचिंग और प्रशिक्षण संचालित करने से लेकर विश्व विकलांगता दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। वहीं स्वास्थ्य के मद्देनजर नि: शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और कोविड नियमों  के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों को अंजाम दिया गया है। फाउंडेशन के सहयोग से संचालित सुपोषण कार्यक्रम के तहत 23 महिलायें संगिनी के रूप में 32 गांवों में काम कर रही हैं जिसके तहत बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स आदि के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इतना ही नहीं इस दौरान फाउंडेशन ने तमनार स्वास्थ्य केंद्र को कोविड केयर सेंटर बनाने में भी मदद की है, वहीं शुरुआती दौर में एसपी ऑफिस तथा तमनार हास्पिटल में सैनिटाइजेशन टनल लगाने से लेकर दोना पत्तल निर्माण और मार्केटिंग से स्थानीय महिलाओं की आजीविका में सुधार हुआ है।
यहां फाउंडेशन की मदद से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे किसानों द्वारा तैयार किए गए केंचुआ खाद से जैविक कृषि को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं इस दौरान भूमिहीन किसानों को बड़े किसानों के साथ जोड़कर भविष्य की नीतियां भी तैयार की जा रही हैं, जिससे आने वाले समय में उन्हें सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलेगा। अदाणी फाउंडेशन के द्वारा गांव कि आवश्यकता के अनुरूप, पेयजल व्यवस्था, सीसी रोड निर्माण, स्नानघर, तालाब गहरीकरण, सामुदायिक भवन, स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष, सांस्कृतिक मंच  जैसे महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण भी कोविड काल के दौरान किया गया है.