शिवम मिश्रा. टूटती सिसकती आशाओं को उम्मीद की एक छोटी सी किरण धड़कनें दे जाती है. सरगुजा के सुदूर अंचलों में भी ऐसा ही कुछ हुआ. जिंदगी बेहतरी की उम्मीद लिए सिसक रही थी, हौंसला बंधने से पहले ही टूट चुका था, सब्र के बांध में मानों दरारे पड़ चुकी थी. कोरोना संक्रमण से लोग जुझ रहें थे  कि अदाणी फाउंडेशन की एक कवायद ने बेरंग केनवास पर खुशियों के रंग उकेर दिए.

कोरोना संक्रमण के कारण पूरा देश लॉकडाउन था. शहर से लेकर गांव तक की गलियों में सन्नाटा पसरा था. स्कूलों में ताले लटक रहें थे,  पढ़ाई मानों ठप्प से हो गई थी. शिक्षा विभाग का नवाचार इस सूदूर अंचल में दम तोड़ता नजर आ रहा थे. लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित ग्राम परसा में अदाणी विद्या मंदिर ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया. अपने प्रयासों से सभी के मन में उम्मीदें भर दी और स्कूल की पढ़ाई को ब्लैक बोर्ड से स्मार्ट बोर्ड में तबदील कर दिया.

अदाणी ग्रुप का ये वीडियो जरूर देखे


अब हम आपकों बताते हैं कि किस तरीके से बच्चों को इस शिक्षा का लाभ मिल रहा है. दरअसल लॉकडाउन के दौरान अदाणी विद्या मंदिर करीब 800 छात्रों को WHATSAPP OR G-SUIT ऑनलाईन ऐप से पढ़ाई कराना शुरु किया.  जो आज-तक लगातार चल रही है.  ऑनलाइन क्लास जुड़कर गाँव के बच्चों को भी नई टेक्नोलॉजी देखने का मौका मिल रहा है.

अदाणी विद्या मंदिर जैसी ये प्रेरणादायक पहल यदि प्रदेश में मौजूद अन्य बड़े उद्योग घराने करने लगे तो, वो दिन दूर नहीं होगा जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके का बच्चा अपने प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में रौशन करेंगे.