रायपुर। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का बड़ा बयान सामने आया है. रविंद्र चौबे का कहना है कि किसानों को धान का पैसा देना है. इसलिए हो सकता है कि राज्य सरकार को और कर्ज लेना पड़े. क्योंकि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 21 हजार करोड़ नहीं दिया है.

किसानों को न्याय योजना से देना है पैसा

दरअसल छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी की है. सरकार 1815 रुपए में ही धान की खरीदी की है. बाकी के 685 रुपए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दे रही है. इस तरह 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी हुई है.

सरकार फिर लेगी कर्ज

इसीलिए सरकार के कर्ज पे कर्ज लिए जा रही है. अब एक बार फिर राज्य सरकार को किसानों को धान का पैसा देने के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है. रविंद्र चौबे ने यह बयान मीडिया से बातचीत में दिया है.

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दो साल में 36 हजार करोड़ का कर्ज

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते दो सालों के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार ऋण, नाबार्ड की ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि, केन्द्र सरकार के माध्यम से जीएसटी ऋण और एशियन डेवलपमेंट/विश्व बैंक से कुल 36 हजार 170 करोड़ का ऋण ले चुकी है.

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