रायपुर। राजधानी के श्री बालाजी हॉस्पिटल में एक मरीज को नया जीवनदान मिला है. जब पेशेंट अस्पताल पहुंचा, तो उसका हार्ट और लंग फेलियर था. लेकिन बंद दिल की धड़कन को एंजियोप्लास्टी कर दोबारा चालू किया गया. जिससे मरीज की जान बच गई. अब वह स्वास्थ्य हो चुका है. आज उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है. इस तरह मरीज मौत को टक से छूकर वापस लौट आया.
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राजनांदगांव निवासी 62 वर्षीय अशोक पांडेय मौत की सेज पर श्री बालाजी हॉस्पिटल पहुंचे थे. जब उस पेशंट को लाया गया था, तब वे होश में नहीं थे. घरवालों को भी समझ नहीं आया कि वे क्या करें. जब पेशंट को श्री बालाजी हॉस्पिटल लाया गया था, तब वे बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में थे. मेजर हार्ट अटैक की स्तिथि में हार्ट बंद और दोनों फेफड़े में इन्फेक्शन था. इमरजेंसी में उनका एंजियोग्राफी एवं एंजियोप्लास्टी किया गया.
सीपीआर और शॉक से हार्ट दोबारा हुआ चालू
प्रोसीजर के पहले उन्हें एक बार अटैक आया जिससे उनका हार्ट बंद हो गया. जिसे सीपीआर एवं शॉक देकर पुनः चालू किया गया. उनकी एंजियोग्राफी करते समय मालूम हुआ कि लेफ़्ट साइड की नस 100 % बंद है. एंजियोप्लास्टी प्रोसीजर के दौरान पेशेंट को चार बार हार्ट बंद हुआ और चारों बार पेशेंट को सीपीआर एवं शॉक देकर हार्ट को दोबारा चालू किया गया.
हार्ट बार-बार हो रहा था बंद
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निखिल मोतीरामानी ने बताया कि पेशेंट जब आया तब मेजर हार्ट अटैक की स्तिथि में हार्ट बंद एवं दोनों फेफड़े में इन्फेक्शन के साथ लाया गया था. उनकी कंडीशन इतनी क्रिटिकल थी कि पेशेंट का एंजियोग्राफी प्रोसीजर भी कर पाना मुश्किल लग रहा था. पेशेंट के प्रोसीजर के पहले एवं प्रोसीजर के दौरान बार-बार हार्ट बंद हो जा रहा था. फेफड़े में इन्फेक्शन के वजह से हमें और ज्यादा दिक्कत हो रही थी.
वेंटीलेटर सपोर्ट में था पेशेंट
डॉक्टर ने आगे बताया कि एंजियोप्लास्टी के बाद भी मुश्किलें काम नहीं हुई, हार्ट अटैक की वजह से हार्ट फंक्शन 30-35 % हो गया था. किसके कारण प्रोसीजर के तुरंत बाद पेशेंट को वेंटीलेटर सपोर्ट में रखा गया. सात दिनों की क्रिटिकल केयर के बाद मरीज अपने पैरों पर चलकर घर जा रहा है.
मौत को देखकर लौटा वापस
मरीज अशोक पांडेय का कहना है कि मौत को तो साक्षात देख ही लिया था, लेकिन आज बात कर पा रहा हूँ. इससे जाहिर है कि ईश्वर का ही एक रूप सफेद कोट वाले ये डॉक्टर्स ही है.
इन डॉक्टरों ने किया इलाज
बता दें कि श्री बालाजी हॉस्पिटल के डॉ. निखिल मोतीरामानी के नेतृत्व में उनकी स्पेशल टीम में कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. देवेंद्र पांडेय, डॉ. निखिल श्रीवास्तव, डॉ. बिभूति, डॉ. शिव, डॉ. नाग, मुख्य कैथ लैब तकनीशियन चित्रकांत सहित कैथलैब एवं दक्ष नर्सिंग स्टाफ ने मरीज की जान बचाई है. उनके प्रयास से करीब एक हफ्ते बाद पेशंट को आज डिस्चार्ज किया जा रहा है.
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