पवन दुर्गम,बीजापुर। दक्षिण पश्चिम बस्तर के बीजापुर जिले के उस्कालेड जंगलों में प्राचीन कालीन मूर्तियां मिलने का मामला प्रकाश में आया है. यह मूर्तियां पाषाण से बनी है. जिसे लेकर तरह-तरह चर्चाओं से बाजार गर्म है. यह महाराष्ट्र व अविभाजित आंध्र प्रदेश क्षेत्र में आता है. जिसको लेकर कई प्रकार की किंवदंतियां भी प्रचलित है.

सूत्रों के मुताबिक बस्तर का बीजापुर जिला रायलसीमा क्षेत्र में आता था. पूर्व में भी महाराष्ट्र व वर्तमान सीमांध्र राज्य के कुछ हिस्सों में पाषाण युग के लैंडमार्क्स मिले हैं. आंध्र के इतिहास और संस्कृति में कई क्षेत्र में पाषाण कालीन मूर्तियां अभी भी विद्यमान है. बीजापुर के उस्कालेड जंगलों में प्राचीन कालीन मूर्तियां मिलने से कोतुहल का विषय बना हुआ है.

वनांचल उस्कालेड ग्राम में प्राचीन पाषाण मूर्तियां जमीन के ऊपर देखने को मिली है. वहीं कुछ मूर्तियां जमीन के अंदर भी पड़ी हुई है. मूर्तियों को देखने से प्रतीत होता है कि पत्थरों से निर्मित ये मूर्तियां प्राचीन काल की हो सकती है. ग्रामीणों के अनुसार ये मूर्तियां दादा-परदादाओं के समय की है.

क्षेत्रीय विधायक विक्रम शाह मंडावी के क्षेत्रीय भ्रमण व जन सम्पर्क के दौरान ग्रामीणों ने इस संबन्ध में विधायक को अवगत कराते हुए मन्दिर निर्माण करने में सहयोग की अपेक्षा की है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि विधायक ने ग्रामीणों की धार्मिक भावना का सम्मान करते हुए इस ओर शासन का ध्यान आकृष्ट कर मन्दिर निर्माण के लिए हर सम्भव मदद की बात कही है. विधायक के इस क्षेत्रीय भ्रमण से ग्रामीणों को क्षेत्रीय समस्याएं एवं आवश्यकताएं साझा करने का सुनहरा मौका भी मिला है. ग्रामीणों में आशा की नई किरण जगी है.