सुरेन्द्र जैन, धरसीवां। पृथक छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्न दृष्टा स्वाधीनता सेनानी डॉ. खूबचन्द बघेल की पुण्यतिथि पर उनकी जन्मभूमि पथरी गांव में समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पथरी गांव को जोड़ने वाली सभी सड़कों को टू लेन सड़क बनाने और नवा रायपुर में डॉ. खूबचन्द बघेल की आदमकद प्रतिमा लगाने की मंच से घोषणा की है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुण्यतिथि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ खूबचन्द बघेल जी चाहते तो डॉ. के रूप आराम की जिंदगी जी सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, बल्कि संघर्ष का रास्ता चुना और स्वाधीनता के आन्दोलन में कूद पड़े. उन्होंने अंग्रेजों से भारत को स्वतंत्र कराने न सिर्फ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, बल्कि उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को भी दूर किया. छुआ छूट ऊंच नीच को मिटाने उन्होंने एकांकी नाटक भी लिखे. जब देश आजाद हुआ, तो उन्हें लगा कि छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का समुचित विकास तभी होगा जब पृथक राज्य छत्तीसगढ़ बने.

इसके लिए उन्होंने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के लिए 1967 में लो जलाई, लेकिन इसके दो साल बाद ही 1969 में उनका निधन हो गया. लेकिन उनकी जलाई लो जलती रही और अंततः पृथक छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्न दृष्टा का स्वप्न उनकी जयंती 19 जुलाई 2000 को पूर्ण हुआ. पृथक छत्तीसगढ़ गठन के करीब बीस साल में भी डॉ खूबचन्द बघेल का सपना साकार नहीं हुआ. हमने आते ही डॉ. खूबचन्द बघेल जी के सपनों को धरातल पर साकार करने का काम किया है. सरकार बने मात्र दो साल हुए एक साल कोरोना में एक साल केंद्र से लड़ने में निकलने के बाद भी छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ा और बढ़ता जा रहा है.

केंद्र की मोदी सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार को किसान विरोधी सरकार बताते हुए कहा कि हमने स्वामीनाथ रिपोर्ट के अनुसार ही 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदना शुरू किया. एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार के अड़ंगा के बाबजूद हमने 2500 रुपये समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्र की. मोदी सरकार ने इतना समर्थन मूल्य देने से मना किया, लेकिन हमने किसानों के हित में राजीव गांधी किसान न्याय धन योजना बनाकर किसानों को अंतर की राशि किस्तों में दी तीन किस्तें दे चुके. चौथी शेष है. उन्होंने गौपालक किसानों को सक्षम बनाने और पशुओं से फसलों की रक्षा करने योजनाएं गौधन न्याय योजना से गोबर खरीदी शुरू की नरवा गरवा घुरुआ बारी योजना बनाई. ताकि यहां का किसान समृद्ध शाली हो लेकिन केंद्र सरकार कभी बारदाना कभी समर्थन मूल्य कभी इतनी धान नहीं लेने के रूप में अड़ंगा अड़ाती रही. इसके बाबजूद हम छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों की सभ्यता संस्कृति की रक्षा के साथ विकास की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.

अंग्रेज भी जो काम नहीं किए, वो मोदी ने किया- चौबे

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधीजी के साथ जब गुलामी के दौर में किसानों ने अंग्रेजों के दमनकारी कानूनों का विरोध किया, तब अंग्रेजों ने भी किसानों की राह में कीलें नहीं गाड़ी, कांक्रीट की दीवार नहीं उठवाईं, लेकिन मोदी सरकार ने अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया. तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग करने वाले किसानों की राह में कीलें गढ़वा दी कांक्रीट करा दी.

चौबे ने आगे कहा कि झारखंड में धान का समर्थन मूल्य 900 है, उड़ीसा में 1000 है, जबकि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार 2500 रुपये मिनिमम स्पोर्ट प्राइज पर धान खरीद रही है. केंद्र की मोदी सरकार इसमें भी अड़ंगा अडाई, तो राजीव गांधी किसान न्यायधन योजना शुरू कर किसानों को 2500 रुपये समर्थन मूल्य दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पृथक छत्तीसगढ़ गठन के करीब बीस साल बाद भी डॉ खूबचन्द बघेल का सपना साकार नहीं हुआ, लेकिन भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बनते ही हम उनका सोना साकार कर रहे हैं.

उन्होंने धरसीवां विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा द्वारा दी गई जानकारी का उल्लेख करते हुए कहा कि गौपालकों से गोबर खरीदी करने के सुखद परिणाम सामने आए है. गोबर बेचकर एक गौपालक दुपहिया वाहन खरीदा है. जबकि एक अन्य गौपालक टाटा एस खरीदा है. गौरक्षा के क्षेत्र में प्रदेश की 11 हजार पंचायतों में से 9000 में गौठान बन चुकी है. शेष 2000 पंचायतों में भी गौठान जल्द बनेगी. सिंचाई के क्षेत्र में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है. बोधघांट परियोजना से साढ़े तीन लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी.