रायपुर। बिना मोहब्बत में हुए आप शायरी नहीं लिख सकते. किसी की तकलीफ महसूस करते हैं तब शायरी की ओर जाते है. फिर सीखते हैं, लिखते हैं. शायरी दर्द में ही फूटती है. यह कहना है मशहूर शायर अज़हर इकबाल का. वे शनिवार को राजधानी के इंडोर स्टेडियम में चल रहे छत्तीसगढ़ साहित्य महोत्सव और 19वें राष्ट्रीय किताब मेले में एक परिचर्चा में शामिल हुए. राजधानी की युवा शायर आमना मीर ने उनसे शायरी और उनकी जिंदगी से जुड़ी लंबी बातचीत की. परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए अज़हर इकबाल ने कहा कि शायरी खुद से मुलाकात है. जब आप खुद के अंदर डूबते हैं और किसी के दर्द को महसूस करते हैं, तब शायरी निकलती है. शायरी दिल का दर्द है.

जिनको शायरी पढ़ना चाहिए, वे लिख रहे

शायरी के स्तर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि जिनको शायरी पढ़ना चाहिए. वे शायरी लिख रहे हैं. शायरियों की कॉपी करने और उसे अपना बताने के सवाल पर अजहर इकबाल ने कहा कि ऐसा लोग कर तो रहे हैं, लेकिन यह टेक्नीलोजी का जमाना है. ज्यादा समय तक ऐसा चल नहीं पायेगा. फ़िल्म एक्टर नवाज़ुद्दीन के रिश्तेदार होने और एक्टर बनने के ख्याल पर उन्होंने कहा कि एक्टर बनने का ख्याल उनके दिल मे कभी नहीं आया, लेकिन थियेटर से जुड़ा रहा. दास्तानगोई लिखे हैं. मॉडर्न दस्तनागोई और नाटक लिख रहा हूं.

रंगमंच को लेकर काफी संभावनाएं- डॉ. योगेंद्र चौबे

साहित्य महोत्सव में ‘रंगमंच और उसकी चुनौतियां’ विषय पर मशहूर रंगकर्मी व निर्देशक डॉ. योगेंद्र चौबे के साथ परिचर्चा का आयोजन किया. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के छात्र रहे डॉ. चौबे ने कहा कि राज्य में रंगमंच को लेकर काफी संभावनाएं हैं. नए युवा नाटकों में आ रहे हैं, काम कर रहे हैं. पूरे राज्य में रंगमंच को लेकर सुविधाएं बहुत कम है. सरकारों की प्रथमिकता में हर चीज है, लेकिन रंगमंच नहीं है. इससे रंगकर्मियों को थोड़ा दुख है. राज्य में फ़िल्म सिटी की घोषणा हुई है. अच्छी बात है, लेकिन इससे ज्यादा जरूरत अच्छे ऑडिटोरियम की है, जहां रिहर्सल और नाटकों का मंचन हो सके.

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उन्होंने कहा कि कोरोना रंगमंच से जुड़े कलाकरों के लिए बेहद दुखद रहा. कुछ ऑनलाइन मंचन जरूर हुए, लेकिन उसमें वो मजा नहीं जो मंच पर नाटक खेलने पर होता है. रंगमंच और आजीविका के सवाल पर उन्होंने कहा कि रंगमंच से आजीविका चल सकती है. बशर्ते आप शिद्दत के साथ रंगमंच को अपनाएं. बहुत से कलाकर है, जिनकी रोजी-रोटी इसी से चल रही है.

मुशायरे ने जीता दिल

साहित्य महोत्सव में शनिवार को मुशायरे का भी आयोजन किया गया. इसमें शायरों ने एक से बढ़कर एक शायरियां सुनाकर लोगों का दिल जीत लिया. मुशायरे में मशहूर शायर अज़हर इकबाल, अता रायपुरी, सुखनवर हुसैन, हाजी सलमान अली जिया हैदरी, सुदेश कुमार मेहर, यूसुफ सागर, साकेत रंजन प्रवीर एवं युवा शायर राज तिवारी ने अपनी तालियों से जमकर तालियां बटोरी.

समापन आज

साहित्य महोत्सव और किताब मेले का समापन रविवार को होगा. इसके पूर्व शाम को कोलकाता के कलाकारों द्वारा रविन्द्र संगीत पर नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं रॉक बैंड के प्रदर्शन के साथ आयोजन का समापन होगा.