टुकेश्वर लोधी, रायपुर। आरंग विकासखंड के बैहार ग्राम पंचायत जितना फेमस है, उससे कहीं ज्यादा लापरवाही देखने को मिल रही है. सरपंच-सचिव और अन्य जिम्मेदार निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कर रहे हैं. मनरेगा वेब साइट के मुताबिक बैहार पंचायत में सामुदायिक पोल्ट्री शेड निर्माण कराया जा रहा है. हैरत की बात ये है कि पोल्ट्री शेड के नाम से पहले ही पूरी रकम 5 महीने पहले ही निकाल ली गई है. जबकि निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

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केस नंबर 1

स्व सहायता समूह के लिए सामुदायिक पोल्ट्री शेड निर्माण कराया जा रहा है. जिसका कार्य नंबर कार्य कोड- 3316015060/AV/ 1111328451 है. पोल्ट्री शेड 1.8 लाख रुपये की लागत से बनना है. मजदूरी के लिए 21500 रुपये की राशि तय की गई है. अब इसमें 5 महीने पहले ही 18 हजार 400 रुपये निकाल ली गई है.

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केस नंबर 2

 बैहार पंचायत में मुर्गी शेड निर्माण कार्य कोड– 3316015060/AV/1111328767 है. इस कार्य की कुल लागत राशि 2.71 लाख रुपये है. इसमें मजदूरी के लिए 33 हजार रुपये की राशि तय की गई है. पंचायत के प्रतिनिधियों ने साठ-गांठ करके अब तक 31 हजार रुपये मजदूरी राशि निकाल चुके हैं. जबकि निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं.

निर्माण कार्य के नाम में भ्रष्टाचार

बैहार के गौठान परिसर में इन दोनों कार्यों को मिलाकर एक बड़े शेड का निर्माण हो रहा है. इस कार्य का 21 सितंबर 2020 को अंतिम मस्टरोल निकाला गया था. दोनों कार्यों को मिलाकर लगभग 49 हजार रुपये की राशि निकाल ली गई है.

बड़ी गड़बड़ी की आशंका

हैरान करने वाली बात ये है कि मनरेगा के तहत कार्य कराया जा रहा है. मजदूरों को भुगतान किसी और मद से किया जा रहा है. कई मजदूरों के खाते में रकम भी ट्रांसफर नहीं किए गए हैं. मस्टर रोल में जिन मजदूरों का नाम है, उसमें भी हेर फेर नजर आ रहा है. सरपंच तालाब के पैसे से मजदूरों को भुगतान करने की तैयारी में है. सवाल ये है कि पोल्ट्री शेड की रकम आखिर कहां गई.

केस नंबर 3

इसी प्रकार शेड निर्माण के नजदीक सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो रहा है. शौचालय निर्माण का भुगतान मजदूरों को मनरेगा से होना है. बांकि मटेरियल अन्य मद से होना है. शौचालय निर्माण के नाम पर एक भी मस्टरोल नहीं बनाया गया. जबकि काम प्लंथ के लेवल हो गया है. जाहिर सी बात है कि ये कार्य में भी भारी गड़बड़ी है. शौचालय निर्माण की राशि भी लगभग झोलझाल में गायब हो गई है.

सीईओ ने दिया जांच करने का झुनझुना !

बैहार ग्राम सरपंच गीता साहू ने कहा कि कार्य अभी निर्माणाधीन है. मस्टररोल में जितनी राशि मजदूरों की बची है, उससे कार्य पूर्ण हो जाएगा. जबति अब तक 49 हजार 600 रुपये में कार्य आधा भी नहीं हुआ है. सरपंच का कहना है कि शेष बची राशि 5000 रुपये में निर्माण कार्य पूर्ण कर लेंगी. आरंग जनपद पंचायत सीईओ किरण कुमार कौशिक ने कहा कि निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी.

सरपंच और सचिव क्या सरकार को लगा रहे चूना ?

बहरहाल, जिम्मेदारों की लापरवाही, निर्माण कार्य में कोताही मजदूरों और सरकार को चूना लगाने का काम चल रहा है. अब देखना यह कि 5000 रुपये में मुर्गी शेड तैयार हो पाता है कि नहीं. क्योंकि लापरवाही और भ्रष्टाचार के घेरे में कई लोग आ रहे हैं.