आजाद सक्सेना,दंतेवाड़ा। जिले के किरंदुल नगर पालिका में मानवता को शर्मसार कर 5700 रुपए वसूलने का मामला सामने आया था. जिसे लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस मामले को कलेक्टर दीपक सोनी ने ना केवल संज्ञान में लिया बल्कि पीड़ित परिवार को पैसे भी वापस दिलवाए. बचेली एसडीएम प्रकाश भारद्वाज के नेतृत्व में पटवारी हेमंत देवांगन ने पीड़ित परिवार को 5700 रुपए वापस किया.

किरंदुल पटवारी हेमंत देवांगन ने बताया कि ज्योति सिंह की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई थी. अंतिम संस्कार के लिए परिवार ने 5700 रुपए भुगतान किया था. जिसे वापस कर दिया गया है. नगर पालिका सीएमओ एचआर गोंदे ने भी माना कि गलती तो हुई है दोबारा ऐसी गलती कभी नहीं होगी.

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उन्होंने कहा कि नगर पालिका पीआईसी में यह फैसला लिया गया था कि जो अत्यंत गरीब है. जिनका 2011 की सर्वे सूची में नाम अंकित है, उन्हीं को नगर पालिका अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कंडा देगी. मृतिका ज्योति सिंह का भी परिवार गरीब है. उन्होंने कहा कि जो लोग आए थे उनको हमने कहा था कि रुपए वापस कर देंगे.

सीएमओ एचआर गोंदे ने कहा कि सर्वे सूची में उनका नाम अंकित होगा, लेकिन उसका नाम अति गरीबी रेखा सूची में नहीं था. जिसके चलते नगर पालिका उनकी मदद नहीं कर पाई. हम सर्वदलीय बैठक बुलाकर फिर से इस विषय में निर्णय लेंगे. फिलहाल उस परिवार को रुपए मिलने से वह जो कर्जा लिए थे, वो वापस कर सकेंगे. इस प्रकार की घटना के बाद पूरे नगर में नगर पालिका प्रशासन की लोक निंदा कर रहे हैं.

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बता दें कि ज्योति सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी. जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार करने के लिए नगर पालिका कर्मचारियों ने 5700 रुपए परिवार से वसूल किया था. परिवार ने दूसरे से कर्ज लेकर कर्मचारियों को पैसा दिया था. मृतिका का गरीब रेखा के नीचे का राशन कार्ड भी था. फिर भी अवैध वसूली की गई थी.

किरंदुल नगर पालिका ने पीड़ित परिवार से अंतिम संस्कार के नाम पर पैसे वसूले जाने का मामला कलेक्टर तक पहुंचा था. कलेक्टर दीपक सोनी ने CMO नगर पालिका किरंदुल को मृतक परिवार के रुपए वापस करने का आदेश दिया था. कलेक्टर ने कहा कि नगरपालिका को अंतिम संस्कार करने के लिए 10 लाख रुपए दिए गए हैं.

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