रायपुर। राजधानी के एनएचएमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक महिला के पेट से 10 किलो का ट्यूमर निकाला है. हॉस्पिटल के सीनियर कैंसर सर्जन डॉ मौ रॉय एवं टीम ने 4 घंटे से अधिक समय तक जटिल ऑपरेशन कर महिला को नया जीवन दिया है.

डॉ मौ ने कहा कि झारखंड की एक महिला के पेट में 10 किलो ट्यूबर था, जो “80 प्रतिशत जगह” को घेर रखा था. 30*30 cm बड़ा यह ट्यूमर दोनों किडनी, पेट, अग्न्याशय और स्प्लीन सहित उसके पेट की सभी संरचनाओं पर दबाव बना रहा था.

एनएचएमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में वरिष्ठ सलाहकार डॉ मौ रॉय ने कहा कि इसे करने के लिए एक “बहु-अनुशासनात्मक टीम” कार्डिएक सर्जन पी हरि कुमार, एनेस्थेटिस्ट डॉ आलोक स्वाइन और डॉ स्नेहा के दृष्टिकोण का इस्तेमाल भी किया गया.

झारखंड निवासी महिला पिछले 6 माह से पेट में परेशानी से जूझ रहा था. उसका मूल्यांकन किया गया और स्कैन से पता चला कि उसके शरीर में एक बड़ा ट्यूमर है जो पेट में 80 प्रतिशत से अधिक जगह घेर रहा है. उसे रेट्रोप्रिटोनियल लिपोसारकोमा कहा जाता है. जिसका इलाज सर्जरी से ही संभव है.

डॉ मौ रॉय ने कहा कि हाल ही में की गई सर्जरी से उनके बायीं किडनी में रक्त के उचित प्रवाह में भी मदद मिलेगी. इस रोगी पर एनेस्थीसिया करना जटिल था, क्योंकि इस विशाल ट्यूमर ने बायीं किडनी में रक्त की शीरा (veins) पर दबाव डाला था.

डॉ मौ रॉय ने बताया कि सर्जरी का सबसे जटिल हिस्सा ट्यूमर को गुर्दे की नसों, महाधमनी और वेना कावा से रक्त को खोए बिना या इन संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना अलग करना था, और इसे प्राप्त करने के लिए टीम को इस सर्जरी को अधिक बारीकियों के साथ पूर्ण के साथ करना पड़ा. टीम को ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालने में  4 घंटे से अधिक का समय लगा.

वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ मौ ने कहा कि “यह ट्यूमर एक अच्छी तरह से विभेदित लिपोसारकोमा (कैंसर का प्रकार) था और हमारी जानकारी के लिए यह अब तक यह स्थान निकाला गया. यह सबसे बड़ा लिपोसारकोमा है.

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