सत्यपाल राजपूत, रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम ने बड़ा ख़ुलासा किया है. छत्तीसगढ़ सरकार स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए निशुल्क शिक्षा देने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन ड्रॉपआउट रेट सबको चौंका कर रही है. छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में ड्रॉपआउट रेट चिंताजनक है. सरकारी स्कूलों के कक्षा 9वीं और दसवीं में 21.53 प्रतिशत ड्रॉपआउट रेट है. प्राइवेट स्कूलों के कक्षा 9वीं और दसवीं में 17.36 प्रतिशत ड्रॉपआउट रेट है.

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सरकारी स्कूलों के कक्षा 11 वीं और 12वीं में 7.37 प्रतिशत ड्रॉपआउट रेट है. प्राइवेट स्कूलों के 11 वीं और कक्षा 12वीं में 5.05 प्रतिशत ड्रॉपआउट रेट है. 1 लाख से ज़्यादा विद्यार्थी प्रति वर्ष शिक्षा सत्र के बीच में पढ़ाई छोड़ दे रहे हैं.

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समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेंद्र दुग्गा ने कहा कि आंकड़े चिंताजनक हैं, लेकिन इनको फिर से शिक्षा के मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा. इसके लिए रणनीति पूर्वक काम किया जा रहा है.

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नरेंद्र दुग्गा ने कहा कि स्कूल समिति से लेकर, ऐसे बच्चों के परिवार का काउंसलिंग किया जाएगा. पढ़ाई छोड़ने के कारणों का पता लगा कर समस्याओं का निदान किया जाएगा.

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