शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर में नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन मामले में औषधि विभाग ने डायमंड एजेंसी को नोटिस जारी किया है, जिसमें एजेंसी से 3 दिनों में जवाब मांगा गया है. औषधि विभाग ने नोटिस में पूछा कि बिना जानकारी दिए, क्यों इंजेक्शन मंगाई गई. आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी के ड्रग लाइसेंस की बिना जानकारी के इंजेक्शन ऑर्डर क्यों किए गए.  माना थाने में डायमंड एजेंसी संचालक ने 3 मई शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद अब तफ्तीश जारी है.

नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन मामला

औषधि नियंत्रक कमलकांत सिंह ने बताया कि विभाग की टीम पूरे मामले में विस्तार से जांच कर रही है. डायमंड एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. ड्रग विभाग को जानकारी दिए बिना आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी को रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए ऑर्डर कैसे दे दिया था.

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औषधि नियंत्रक ने कहा कि रेमेडेसिविर इंजेक्शन का ऑर्डर करते समय आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी की ड्रग लाइसेंस चेक क्यों नहीं किया गया. आखिर इंजेक्शन ऑर्डर करने में इतनी जल्दबाजी क्यों कि गई है. डायमंड एजेंसी को नोटिस जारी कर 3 दिनों में जवाब देने को कहा गया है.

इस मामले में डायमंड एजेंसी के संचालक पंकज जैन ने कहा कि हम तो डेड बॉडी पैकेट लेने के लिए आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी से संपर्क किए थे, जिसके बाद उन्होंने ने कहा कि रेमेडेसिविर इंजेक्शन की स्टॉक पड़ी है. हम इंजेक्शन का ऑर्डर देते समय बैंक से जुड़ी सभी तथ्यों की जानकारी ली थी.

डायमंड एजेंसी के संचालक ने कहा कि जानकारी लेने के बाद ऑर्डर दिया था, जिसके बाद तय समय पर ऑर्डर नहीं आने पर हमने माना थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है. इस मामले में औषधि विभाग जो भी जानकारी मांगेगा हम देने के लिए तैयार हैं.

बता दें किगुजरात के एक गांव में रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री पकड़ाई थी. फैक्ट्री में ग्लूकोज और नमक रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी में भरकर मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में इसकी सप्लाई की गई थी. गुजरात पुलिस ने मामले का खुलासा होने के बाद मध्यप्रदेश के इंदौर और जबलपुर से गुजरात पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

जबलपुर से गिरफ्तार एक आरोपी के बयान के आधार पर जबलपुर पुलिस ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को गिरफ्तार किया था. मोखा ने अपने अस्पताल में 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाए थे. सिटी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज किया जाता था.

इसमें रायपुर की डायमंड एजेंसी ने भी पहली खेप में 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन का ऑर्डर मुख्य आरोपी कौशल वोरा की फर्म आदिना डिस्पोजेबल को दिया था. डायमंड एजेंसी ने बतौर एडवांस रैकेट के मुख्य आरोपी कौशल वोरा की फ़र्म आदिनाथ डिस्पोज़ेबल के खाते में 6,80,400 रुपये ट्रांसफर किया था, लेकिन गनीमत यह रही कि इंजेक्शन सप्लाई से पहले ही रैकेट का भंडाफोड़ हो गया.  गुजरात पुलिस ने आरोपियों को धर दबोचा.

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