लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। जिले के डौंडी तहसील स्थित ग्राम कुसुमटोला में सालों से अधूरे पड़े चिरकन बांध को पूरा कराने की मांग को लेकर एक बार फिर क्षेत्र के किसान अधूरे बांध स्थल पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन से आश्वासन का झुनझुना थमा दिया जा रहा है, जिससे आज भी उनकी परेशानी कम नहीं हो रही है. किसानों ने पूछा कब तक आश्वासन का झुनझुना थमाते रहोगे साहब?

किसानों ने कहा कि 1 साल पहले 20 सितंबर 2021 को अधूरे बांध को पूरा कराने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे, जिसमें किसानों ने शासन-प्रशासन द्वारा 21 जनवरी 2022 तक निर्माण कार्य प्रारंभ करने आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, जिससे नाराज कुसुमटोला सहित आसपास गांव के सैकड़ों ग्रामीण किसानों ने एक बार फिर अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

30 साल पूर्व अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के दौरान वर्तमान में बालोद जिले के डौंडी तहसील स्थित ग्राम कुसुमटोला सहित आसपास के गांव के किसानों की खेतों में सिंचाई के लिए चिरकन बांध का निर्माण प्रारंभ किया गया था, जिन्हें लगभग 80% निर्माण कार्य पूरा होने के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था, जो आज तारीख तक उसी हालत में अधूरा है.

गौरतलब है कि इन 30 सालों में किसानों की हितैषी बन लोकसभा और राज्यसभा में देश के सबसे बड़े पार्टी कांग्रेस और भाजपा चुनाव मैदान में उतरी और दोनों ही पार्टी की सरकार अलग-अलग समय में बनी, जिससे नेताओं की तकदीर तो बदल गई, लेकिन किसानों की तस्वीर और तकदीर नहीं बदली. किसान आज भी अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. देखने वाली बात होगी इन किसानों की मांग शासन- प्रशासन कब तक पूरा कर पाती है.