आज सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधाना के लिए समर्पित होता है. ऐसे में आज हम आपको उनके सबसे प्रभावशाली महामृत्युंजय मंत्र के बारे में बता रहे हैं.
महामृत्युंजय मंत्र के जाप की विधि क्या है? महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या है? महामृत्युंजय मंत्र के जाप से होने वाले लाभ क्या हैं?
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं. इस पूरे विश्व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए.
महामृत्युंजय मंत्र जप की विधि
महामृत्युंजय मंत्र का जाप आपको सवा लाख बार करना चाहिए. वहीं, भोलेनाथ के लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार किया जाता है. सावन माह में इस मंत्र का जाप अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता है. वैसे आप यदि अन्य माह में इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सोमवार के दिन से इसका प्रारंभ कराना चाहिए. इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें. इस बात का ध्यान रखें कि दोपहर 12 बजे के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप न करें. मंत्र का जाप पूर्ण होने के बाद हवन करन उत्तम माना जाता है.