रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोरोना को लेकर सियासी वार-पलटवार का दौर जारी है. बीजेपी सरकार पर हमलावर है तो वहीं कांग्रेस भी पलटवार करने से पीछे नहीं हट रही है. इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि रमन सिह गलत बयानबाजी कर राज्य में भय का वातावरण न बना रहे हैं.

मोहन मरकाम ने रमन सिंह पर किया पलटवार

दरअसल, पूर्व सीएम ने कहा था कि कोरोना के मामले में छत्तीसगढ़ से बेहतर स्थिति मध्यप्रदेश और यूपी की है. इस पर मोहन मरकाम ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि देश मे सबसे खराब हालत यूपी और एमपी की ही है. दोनों राज्यो में लोग इलाज तो दूर टेस्टिंग के लिए भटक रहे हैं. गांव -गांव में लोग कोविड के इलाज के अभाव में सर्दी-खांसी और टाइफाइड की दवाइयां खा कर मर रहे हैं. सिर्फ भाजपा शाषित राज्य होने से वहां के बदतर हालात बदल नहीं जाएंगे.

मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह कोरोना संकट के समय स्तरहीन बयानबाजी करना बंद करें, जिस प्रदेश में लोगों की कोरोना से हो रही दुःखद मौतों के बाद लाशों को अंतिम संस्कार नहीं हो पा रही. लाशें नदियों में फेंकी जा रही. ऐसा उत्तरप्रदेश रमन सिंह को छत्तीसगढ़ से बेहतर लग रहा, तो जरूर उनमें दृष्टि दोष हो गया है. बयान देने के पहले रमन सिंह को जमीनी हकीकत देख कर संतोष करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ सिर्फ यूपी एमपी से नहीं देश के अनेकों राज्यो से बेहतर स्थिति में है.

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रति 10 लाख आबादी में टेस्टिंग के मामले में भी छत्तीसगढ़ यूपी और मध्यप्रदेश से बेहतर है. छत्तीसगढ़ जिसकी आबादी लगभग 2.75 करोड़ है. यहां पर एक दिन में कोरोना टेस्टिंग 71000 तक पहुच गई है. इसके विपरीत लगभग 29 करोड़ आबादी वाला उत्तरप्रदेश प्रदेश बमुश्किल 1 लाख पच्चीस हजार टेस्टिंग कर रहा है. मध्यप्रदेश जिसकी आबादी लगभग 8.5 करोड़ है सिर्फ 60 हजार टेस्टिंग कर रहा है. रिकवरी रेट में भी छत्तीसगढ़ इन दोनों राज्यो से बेहतर स्थिति में है.

मरकाम ने कहा कि दूसरी लहर के शरुआती दौर में भीषण संक्रमण की आफत को झेल चुके राज्य को कांग्रेस सरकार के बेहतर प्रबन्धन के कारण राहत मिली है. छत्तीसगढ़ में 01 मई 2021 के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. तब से लेकर अब तक जहां प्रतिदिन नए मामलों में कमी हो रही है. वहीं संक्रमण दर भी लगातार घट रही है. इन 12 दिनों में पॉजिटिविटी दर 26.1 से घट कर अब 14 प्रतिशत रह गई है.

अस्पतालों में सभी तरह के बिस्तरों और ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ प्रतिदिन होने वाली मृत्यु में भी कमी आ रही है.
छत्तीसगढ़ में बीते 1 मई को जहां कोरोना संक्रमण के 15 हजार 905 नए मामले सामने आए थे. वहीं 12 मई को 10 हजार 150 नए मामले दर्ज किए गए. इसी तरह प्रतिदिन होने वाली मृत्यु का आंकड़ा जहां  1 मई को 229 था, वहीं 12 मई को 153 लोगों की मृत्यु हुई. 12 दिन पहले तक राज्य के अस्पतालों में जहां खाली बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे. वहीं कल 12 मई की स्थिति में 318 वेंटिलेटर बेड, 852 ICU बेड, 750, 6364 ऑक्सीजन बेड और 11,883 अन्य बेड उपलब्ध थे. राज्य में शुरु से ऑक्सीजन की कमी नहीं रही है.

राज्य के 13 नगर निगमों में 13 मई से सप्ताह में सातों दिन चैबीसों घंटे रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरु कर दी गई है. सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच सुविधाओं में किए जा रहे विस्तार के तहत बैकुंठपुर में नए वायरोलाजी लैब की शुरुआत की जा चुकी है. इस लैब को मिलाकर अब राज्य के दस शासकीय लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है. इससे प्रतिदिन जांच की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ जांच-रिपोर्ट भी जल्दी मिलने लगेगी.

मोहन मरकाम ने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि आपदा के समय स्तरहीन राजनीति करने के बजाय जनता को राहत दिलाने में राज्य सरकार की मदद करें. देश में भाजपा की सरकार है. राज्य के भाजपा के बड़े नेता ,सांसद और केंद्रीय मंत्री अपने प्रभाव का उपयोग कर राज्य को वैक्सीन और चिकित्सा सुविधा दिलवाने में मदद करें. भाजपा नेता ने छत्तीसगढ़ के हित में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के समक्ष एक शब्द भी नहीं बोला. किसी ने कोई पत्राचार नहीं किया न फोन पर कोई मदद मांगी. सिर्फ राज्य सरकार को कोसना झूठा बयान देना भाजपा नेताओं का रोजमर्रा काम हो गया है.

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material

दुनियाभर की कोरोना अपडेट देखने के लिए करें क्लिक