रायपुर. आदेश का पालन नहीं करने पर छग राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर सुबोध सिंघानिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. सिंघानिया बिल्डकॉन से महिला ने जिस वादे से प्लाॅट लिया था, उसे पूरा नहीं किया गया है. बाई-बैक पालिसी के तहत जमीन खरीदने वाली महिला को चार साल बाद दोगुनी रकम नहीं लौटने पर उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है.

पीड़ित महिला रुक्मिणी सोनी ने बिल्डर से राशि लौटाने के लिए बार-बार निवेदन किया. रकम नहीं लौटाई, तब उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में सिंघानिया बिल्डकॉन के डायरेक्टर सुबोध के खिलाफ दो परिवाद दायर किया. आयोग ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बिल्डर को बाई-बैक पालिसी के तहत दो महीने के भीतर रकम लौटाने का आदेश दिया. साथ ही जमीन खरीदने वाली महिला को चार साल की मानसिक क्षतिपूर्ति, प्रक्रियागत खर्च और अन्य व्यय मिलाकर करीब 50 हजार रुपए भी बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया.

प्रतिवादी कंपनी ने न तो रकम लौटाई और न ही क्षतिपूर्ति दी. पीड़ित महिला रुक्मिणी सोनी ने फिर से आयोग में परिवाद दायर किया. इस परिवाद की सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चैरड़िया ने हर्षित सिंघानिया बिल्डकॉन के डायरेक्टर सुबोध सिंघानिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया.

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