सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय के नर्सिंग स्टाफ अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्ण करने के लिए दो दिनों तक काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे. उसके बाद भी शासन द्वारा मांगों का निराकरण नहीं किया करने पर 1 फरवरी से 4 फरवरी तक सुबह ड्यूटी में समय 9 से 11 बजे तक समस्त नर्सिंग स्टाफ चिकित्सालय परिसर में कार्यबाधित कर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

अध्यक्ष रंजना सिंह ठाकुर ने बताया, नर्सिंग ऑफिसर्स एसोशिएसन छत्तीसगढ़ द्वारा शासन को 4 सूत्रीय मांग ग्रेड-पे, नर्सिग एलाउंस, ड्रेस भत्ता, नर्सिंग ऑफिसर्स पदानाम एवं स्टाफ नर्सों के पदों में वृद्धि करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था. 2018 में समस्त नर्सिंग स्टाफ द्वारा 18 दिनों का एतिहासिक आंदोलन किया गया था. उस दौरान नर्सिंग स्टाफ को 2 दिनों तक तत्कालिन शासन द्वारा जेल में रखा गया था. साथ ही मांग को पूरा करने के लिए शासन द्वारा कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी द्वारा 3 महीनों में अनुशंसा करके रिपोर्ट सौंप दी गई थी. लेकिन उन अनुशंसाओं को वर्तमान में आज दिनांक तक लागू नहीं किया गया है. संघ द्वारा समय-समय पर ज्ञापन सौंपा गया, फिर भी आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला.

उपाध्यक्ष शीतल सोनी ने कहा, कोरोना महामारी को छत्तीसगढ़ से मुक्त करने में समस्त नर्सिंग स्टाफ का योगदान अभुतपूर्व रहा है. नर्सिंग स्टाफ अतिआवश्यक सेवा में आने के कारण कोरोना माहामारी के दौरान बिना किसी अवकाश के निरंतर मरीजों की सेवा में तत्पर रहें. बावजूद हमारे पक्ष में शासन द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट न ही लागू की गई, न ही कोरोना भत्ता दिया गया.