रायपुर. तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद अब एमएसपी गारंटी कानून की मांग उठने लगी है. किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर छत्तीसगढ़ के किसान राजधानी रायपुर में 26 नवंबर को ट्रेक्टर रैली निकालेंगे और जनसभा करेंगे. इसके लिए गरियाबंद जिले के मैनपुर के किसान बड़ी संख्या में 25 नवंबर को सुबह 10 बजे रायपुर के लिए रवाना होंगे.

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने बताया कि जून 2020 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बड़े पूंजीपतियों के हित में और किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी पारित कानून को करीब 700 किसानों के प्राणों की आहुति के बाद प्रधानमंत्री ने गुरुपर्व के अवसर पर वापस लेने की घोषणा की है. जिस कानून को उन्होंने गैर संवैधानिक तरीके से लाया था. जिसके खिलाफ अध्यादेश लाए जाने के समय से ही देश के किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जिसे डेढ़ साल और दिल्ली सीमाओ पर आंदोलन को 26 नवम्बर को एक साल पूरा होने जा रहा है. अध्यादेश लाए जाने के समय विरोध होने पर यदि वापस ले लिया गया होता तो अब तक करीब सात सौ किसान अपने परिवार और समाज से हमेशा के लिए नहीं बिछुड़ता.

25 नवंबर को राजधानी के लिए निकलेगी ट्रैक्टर रैली

तेजराम विद्रोही ने बताया कि दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन को एक साल पूरा होने के अवसर पर “तीन कृषि कानून वापस हुआ है, एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए” नारे के साथ गरियाबंद जिले के मैनपुर से 25 नवंबर को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी जो 26 नवंबर को राजधानी रायपुर पहुंचेगी, जहां पर सभा पश्चात प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.

ट्रैक्टर रैली का रूट

ट्रैक्टर रैली के नेतृत्व करने वाले किसान नेता तेजराम विद्रोही ने रैली के रास्ते को लेकर जानकारी दी है कि 25 नवंबर को सुबह 10 बजे दुर्गा चौक मैनपुर से ट्रैक्टर रैली की शुरुआत होगी. जिसमें उदंती, राजपडाव, सीतानदी, जिडार जैसे सुदूर वनांचल से वरिष्ठ आदिवासी नेता भोजलाल नेताम, जिला पंचायत गरियाबंद सदस्य लोकेश्वरी नेताम, अर्जुन सिंह नायक, अमृत लाल नागेश, दीपक मंडावी, दिनाचन्द मरकाम, टीकम नागवंशी, कांति मरकाम, सुनील मरकाम, पूरण मेश्राम, चिमन नेताम, दलसू राम मरकाम, जयलाल सोरी, महेंद्र नेताम आदि के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आदिवासी किसान शामिल होंगे. वहीं गरियाबंद, राजिम, फिंगेश्वर से मदन लाल साहू, उत्तम कुमार, रेखुराम, ललित कुमार, जहूर राम, पवन कुमार, सोमन यादव, नंदू ध्रुव, होरीलाल, पदम, मनोज कुमार, मोहन लाल के नेतृत्व में किसान शामिल होंगे जो दोपहर 3.00 बजे पंडित सुन्दर लाल शर्मा चौक राजिम पहुचेंगी. इस प्रकार गरियाबंद जिला से करीब 10 से 12 हजार किसान राजधानी में आयोजित होने वाली ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगे.

अभनपुर कृषि उपज मंडी में होगी रात्रि विश्राम

ट्रैक्टर रैली में निकले किसानों का रात्रि विश्राम कृषि उपज मंडी अभनपुर में होगी जहां से 26 नवम्बर की सुबह 10 बजे पुनः रैली प्रारम्भ होगी, जिसमें रूपन चंद्राकर, उमाप्रकाश ओझा, पारसनाथ साहू, फुलेश बारले, लक्ष्मी नारायण चंद्राकर, हेमंत टण्डन, पुनुराम, बिसौहाराम, खुम्मन सिन्हा, लखबीर सिंह, गजेंद्र कोसले आदि के नेतृत्व में धमतरी, अभनपुर, नया रायपुर, आरंग के किसान शामिल होंगे और पचपेड़ी नाका रायपुर में जनक लाल ठाकुर, सौरा यादव, जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, रघुनंदन साहू, वेगेन्द्र सोनबेर, विश्वजीत हारोड़े, रिंकू रंधावा, पलविंदर सिंह पन्नू आदि के नेतृत्व में महासमुंद, दुर्ग, बिलासपुर मार्गों से आने वाले किसान सम्मिलित होंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करेंगे मुलाकात

ट्रैक्टर रैली पचपेड़ी नाका होते हुए सिद्धार्थ चौक, पुलिस लाइन, बूढ़ा तालाब से इंडोर स्टेडियम रायपुर पहुंचेगी, जहां 1.00 बजे से शाम 4 बजे तक सभा होगी और सभा पश्चात प्रधानमंत्री, राज्यपाल के नाम कलेक्टर रायपुर को ज्ञापन सौंपा जाएगा और शाम 5.00 बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर 28 सितंबर को राजिम में आयोजित किसान महापंचायत में पारित प्रस्ताव और किसानों के तत्कालीन समस्याओं पर समाधान के लिए चर्चा करेंगे.

केंद्र और राज्य सरकार से मांमांगें

1. तीन कृषि कानून वापस हुआ है, एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए.
2. आंदोलन में जान गंवाए किसानों को शहीद का दर्जा और परिवर को पर्याप्त सहायता राशि दी जाए.
3. केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए और आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज सभी मामले वापस लिए जाए.
4. किसानों की लागत बढ़ाने वाले पेट्रोल, डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं आदि के दामों को आधा किया जाए.
5. बेमौसम बारिश, प्राकृतिक आपदाओं और जानवरों से फसलों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए.
6. जंगली सूअर को वन्य प्राणी अधिनियम की श्रेणी से अलग किया जाए.
7. भूमि का फौती/नामांतरण या हक त्याग में लगने वाले पंजीकरण शुल्क को समाप्त किया जाए.
8. ग्राम बम्हनीझोला, ग्राम पंचायत कोयबा विकास खंड मैनपुर जिला गरियाबन्द में मक्का प्रोसेसिंग केन्द्र का निर्माण किया जाए.
9. ग्राम शोभा और बम्हनीझोला विकास खंड मैनपुर जिला गरियाबंद में मक्का खरीदी केंद्र की स्थापना किया जाए.
10. औद्योगिक प्रयोजनों के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए.
11. आदिवासियों/ग्रामीणों के ऊपर माओवाद के नाम पर बनाए गए फर्जी मामले वापस लिए जाए.
12. माओवाद के नाम पर आदिवासियों/ग्रामीणों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर रोक लगाई जाए.
13. केन्द्र सरकार द्वारा पारित चार श्रम सहिंता रदद् किया जाए.
14. आदिवासी बहुल इलाकों में पेसा कानून का पूरी तरह से पालन हो.