रायपुर. मंहंगाई की मार झेल रहे लोगों को बिजली का झटका लगा है. छत्तीसगढ़ राज्य बिजली नियामक आयोग ने वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की नई दरें घोषित की है. इसमें घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट और उद्योगों के लिए 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है.

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी के वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 725 करोड़ के घाटे के दावे को अमान्य करते हुए 108 करोड़ को ही मान्य किया है. वहीं राज्य के स्वामित्व वाली तीनों विद्युत कंपनियों ने अपनी टैरिफ याचिका के आधार पर वर्ष 2022-23 के लिए 1004 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया था, जिसके स्थान पर 386 करोड़ रुपए राजस्व घाटे का अनुमोदन किया है. इसके अलावा आयोग ने विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा मांगी गई 19336.76 करोड़ रुपए की वार्षिक राजस्व आवश्यकता को घटाकर 17115.85 करोड़ रुपए मान्य किया है.

इस हिसाब से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आयोग ने औसत विद्युत लागत दर 6.22 रुपए निर्धारित की है, जो वर्ष 2021-22 की प्रचलित दर 6.08 रुपए से महज 14 पैसे अधिक है. राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा प्रस्तावित कुल राजस्व घाटे 1004 करोड़ रुपए की भरपाई की जाती तो टैरिफ में औसतन 5.39 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता पड़ती, लेकिन आयोग ने राजस्व घाटा 386 करोड़ रुपए ही मान्य किया गया है, जिसके अनुसार, वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 2.31 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है.

आयोग ने घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की है. वहीं अन्य सभी विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की है. 220kV एवं 132 kV के उच्च दाब स्टील उद्योगों के दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की HV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को वर्तमान टैरिफ में ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. इसी प्रावधान को LV-5 श्रेणी के पोहा एवं मुरमुरा मिल पर लागू करते हुए, उन्हें भी 5 प्रतिशत की छूट दी गई है.

किसानों को दी गई राहत

गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी. किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है. किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाFट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है.