रायगढ़। चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी पर रायगढ़ के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि चेंबर आफ़ कॉमर्स में मनमाने ढंग से मनोनयन किया गया है. तानाशाही तरीके से चेम्बर को पारवानी चला रहे हैं. रायगढ़ के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने नोटिस भेज कर विरोध किया है. इससे अब प्रदेश और रायगढ़ कार्यकारणी पर भंग होने का खतरा मंडरा रहा है.

कार्यकारणी भंग होने का मंडरा रहा खतरा

दरअसल,  विगत दिनों घोषित की गई कार्यकारिणी पर चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास और प्रदेश मंत्री शक्ति अग्रवाल ने विरोध दर्ज किया है. इसे गैर सम्मत और चेंबर के संविधान के विपरीत बताते हुए पंजीयक कार्यालय में आपत्ति दर्ज की है.

प्रवक्ता राजकुमार राठी का कहना है कि चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने अपने मूल संविधान के साथ खिलवाड़ किया है, उन्होंने कहा कि चेंबर पारदर्शिता पूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से चलता है. संस्था के विनियम एवं उप निधि के अधीन आवश्यक नियुक्ति करने का अधिकार देता है, जो कि निर्वाचित अध्यक्ष का दायित्व भी है, लेकिन संस्था द्वारा बनाए गए नियमों से बाहर जाकर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर, मनमाने ढंग से नियुक्तियों का हम विरोध करते हैं, जोकि नियमों के विपरीत है.

राजकुमार राठी ने कहा कि अध्यक्ष ने मनमाने ढंग से तुष्टीकरण की नीति का अवलंबन लेकर निर्धारित संख्या से अधिक मनोनयन कर स्वयं को संस्था से ऊपर करने का प्रयास तो किया ही है, साथ ही अध्यक्ष जी ने ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण पद से नवाजा है, जो संस्था के सदस्य भी नहीं हैं. इस तरह से सीधे मनोनयन कर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान किया गया है. प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास और प्रदेश मंत्री शक्ति अग्रवाल विरोध करते हुए अपनी बातें पंजीयक महोदय को लिखित में दे दी है. आवश्यक कार्रवाई के लिए आपत्ति प्रेषित कर दी है.

इस बारे में जब हमने अमर पारवानी से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि वे अभी बाहर हैं. इस बात की उनके पास जानकारी नहीं है.

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